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आदिवासी बनाएंगे सियासी दल, चुनाव से पहले समाज में हो रहा सर्वे!

मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज एक नए राजनीतिक विकल्प की तलाश में निकल पड़ा है। विधानसभा चुनाव से दस महीने पहले सर्वआदिवासी समाज एक सर्वे कर रहा है, जिसमें यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या आदिवासी, पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों को एकजुट होकर गैर कांग्रेसी, गैर भाजपाई राजनीतिक पार्टी बनानी चाहिए। क्या आरक्षित वर्ग को नया राजनीतिक विकल्प तलाशना चाहिए? राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो पिछले तीन...

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मानवीय गरिमा के खिलाफ--- कनिष्का तिवारी

नए साल की शुरुआत में ही हस्त आधारित मल निस्तारण की वजह से सात लोग अपनी जान गंवा बैठे। वर्ष 2017 में यदि अखबारों के आंकड़ों पर ही गौर करें तो सौ दिनों के अंतराल में सत्रह मजदूरों को इस अमानवीय कार्य में लगने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। यह एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, साथ ही संविधान व मानवीय आचरण के...

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झारखंड में 3 जिले, 60 ब्लॉक और 1314 पंचायतें खुले में शौच से मुक्त

रांची : झारखंड में 18 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया है. तीन जिले, 60 ब्लाॅक और 1314 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है. ये बातें झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के पहले दिन राज्य विधानसभा में अपने अभिभाषण में कहीं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ भारत अभियान, झारखंड कौशल मिशन और जोहार योजना...

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सरकारी स्कूलों में नहीं हुआ गैस सिलेंडर का दाखिला, छत्तीसगढ़ फिसड्डी

संदीप तिवारी, रायपुर। सरकारी स्कूलों में बच्चों को सही पोषण आहार देने और उन्हें लकड़ी के धुएं व प्रदूषण से छुटकारा दिलाने में छत्तीसगढ़ फिसड्डी साबित हुआ है। गैस सिलेंडर में मध्यान्ह भोजन पकाने के मामले में छत्तीसगढ़ 32वें पायदान पर हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दिसम्बर 2017 की स्थिति में जारी आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं।   राज्य के 44975 प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में सिर्फ 1064 स्कूलों में ही...

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महिला सरपंचों की कठिन राह-- ऋतु सारस्वत

हाल में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने पचायती राज संस्थाओं की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों और प्रशिक्षकों के लिए सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा ‘प्रशिक्षण के बाद निर्वाचित महिला सरपंच गांव का प्रशासन पेशेवर तरीके से चलाने में सक्षम होंगी। यह खेदजनक है कि अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए कई महिला प्रतिनिधि सामने नहीं आतीं और अपने पतियों को आगे कर देती हैं। इससे वे नाममात्र की...

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