छपरा : नाबार्ड के द्वारा जिले में 103 आंगनबाड़ी केंद्र भवन बनाने की योजना के लिए सबसे बड़ी बाधा भूमि की अनुपलब्धता बन गयी है. जिले में अब तक महज 16 आंगनबाड़ी केंद्र ही बन पाये हैं. कुछ का काम समाप्ति की स्थिति में है. कुल 49 आंगनबाड़ी केंद्र भूमि की अनुपलब्धता के कारण न तो निर्माण की प्रगति में है और न कोई उम्मीद दिखती है. यदि भूमि नहीं मिली, तो...
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छत्तीसगढ़ के दर्जनों गांवों में बाघ का आतंक
रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में एक आदमखोर बाघ के कारण दर्जनभर गांवों के लोग डर के साये में जी रहे है। बाघ गत महीने के भीतर एक महिला की जान ले चुका है और 30 से अधिक पालतू जानवरों को मौत के घाट उतार चुका है। वन अधिकारी अब तक बाघ को पकड़ने में असफल रहे है और इसके चलते लोग अपने जानवरों के साथ अब सुरक्षित...
More »सरकार ने नहीं दी सुविधा, पसीने से सींचा
गोमो : चैता पंचायत के खेराबेड़ा गांव में किसानों ने पसीना बहा कर बंजर जमीन को उपजाऊ बना दिया है. खेतों में आज सब्जियां लगी है. इन्हीं सब्जियों बाघमारा तथा गोमो की सब्जी मंडियों में बेची जा रही है. किसान रूपक महतो ने बताया कि कैलाश महतो, अर्जुन महतो, फ़ागु महतो, जानकी महतो, किशुन महतो, गंगाधर महतो, वी महतो तथा नारायण महतो मिल कर 17 एकड़ भूमि पर 2001 से सब्जी...
More »चेंदरू चरित- राजकुमार सोनी(तहलका)
जो लोग हरक्यूलिस साइकिल की सवारी को जानदार मानते हुए वाल्व वाले रेडियो से प्रसारित होने वाली खबरों पर यकीन करते रहे हैं वे थोड़ा -बहुत तो जानते हैं कि चेंदरू कौन है और उसने क्या कमाल किया था. बहुत दावे के साथ तो नहीं कहा जा सकता लेकिन उन लोगों का परिचय भी चेंदरू की दुनिया से हो सकता है जो कभी मधु मुस्कान या चकमक जैसी पत्रिकाओं के...
More »संरक्षित जंगल में बाघ घटे, खुले में बढ़े- सचिन शर्मा
भोपाल. मप्र में बाघों की गणना को लेकर मार्च 2011 के नतीजों में एक और बेहद चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। उन क्षेत्रों में बाघ घट गए, जहां इन्हें बचाने के लिए ज्यादा राशि खर्च की गई और सुरक्षा के भी चाक चौबंद इंतजाम किए गए,लेकिन उन खुले क्षेत्रों में बाघ बढ़ गए जहां इनकी देखभाल तक करने वाला कोई नहीं था। बीते चार वर्षो में प्रदेश के टाइगर रिजर्व...
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