भोपाल। बजट से पहले मंगलवार को विधानसभा में राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण आया। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में इस साल लगभग 6 हजार 639 रुपए यानी 9.06 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अग्रिम अनुमानों के हिसाब से राज्य की शुद्ध प्रति व्यक्ति आय 73 हजार 268 रुपए से बढ़कर 79 हजार 907 रुपए हो गई है। 2011-12 के स्थिर भावों से देखें तो यह आय 52 हजार 406 रुपए से...
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लाइलाज हो चुकी है एनपीए की बीमारी-- आदर्श तिवारी
बैंकों की तेजी से बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) आज एक ऐसी लाइलाज बीमारी बन चुकी हैं जिसका इलाज विशेषज्ञों को भी नहीं सूझ रहा है। इसलिए ऐसे में सवाल उठता है कि एनपीए के इस अंधकार से रोशनी कब और कैसे मिलेगी? दरअसल, बैंकों की बुनियाद को कमजोर करने में बढ़ता एनपीए एक बड़ा कारक है। बैंकों के बढ़ते एनपीए को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक भी चिंता जाहिर...
More »भरोसा बरकरार रखने की चुनौती - प्रदीप सिंह
पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले ने सरकारी बैंकों, बैंकों का ऑडिट करने वाली संस्थाओं और बैंकों के कामकाज पर निगरानी रखने वाले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की क्षमता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इससे यह भी साबित हुआ है कि सरकारी बैंकों में नियुक्त होने वाले निदेशक और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि सहित सब या तो गाफिल थे या शरीके जुर्म। वजह कुछ भी हो, वास्तविकता यही है कि...
More »2011 से 2017 के बीच हुए कुछ बड़े बैंक घोटाले
देश के राष्ट्रीयकृत बैंकों में उद्योग लगाने या कारोबार के लिए कर्ज लेकर पचा डालने की परिपाटी बीते पांच साल में तेजी से बढ़ी है। पिछले वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा रकम लेकर लोगों ने नहीं चुकाई और कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल समेत कई जगह इस मामले में मुकदमे भी दायर किए गए हैं। अधिकांश मुकदमे कंपनी की दयनीय हालत के मद्देनजर कर्ज माफी या दिवालिया घोषित करने को लेकर हैं।...
More »2011 से 2017 के बीच हुए कुछ बड़े बैंक घोटाले
साल 2011 -केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने बताया कि कुछ बैंक अफसरों ने 10 हज़ार संदिग्ध बैंक खाते खोले और उनमें लोन के 1500 करोड़ रुपए अंतरित कर लिए। ये अधिकारी आइडीबीआइ, बैंक आॅफ महाराष्ट्र और ओरिएंटल बैंक आॅफ कॉमर्स जैसे बैंकों के थे। साल 2014 -मुंबई पुलिस ने सार्वजनिक बैंकों के कुछ अधिकारियों के खिलाफ नौ प्राथमिकी दर्ज कीं। इन अफसरों पर 700 करोड़ रुपए के सावधि जमा में घपला करने का...
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