हम जीएम तकनीक को जोरशोर से अपनाने की पहल कर रहे हैं और सरकार भी उस पर अमादा है। मगर हमारा पूरा तंत्र जिस तरह का है, उसमें क्या इस संवेदनशील काम को सार्वजनिक क्षेत्र के वैज्ञानिकों के भरोसे छोड़ा जा सकता है? जीएम तकनीक भी आणविक ऊर्जा की तरह है, इसलिए इस सवाल पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है। हाल ही में बीकानेरी नरमा या बीटी कपास से संबंधित...
More »SEARCH RESULT
किसानों की दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार- राम कौंडिन्या
भारतीय किसान की तस्वीर आज भी कमोबेश कक्षा आठ में लिखे जाने वाले उस निबंध से बाहर नहीं निकल पाई है, जहां हम पहली लाइन में तो यह लिखते थे कि किसान देश का पेट पालते हैं, लेकिन आखिरी लाइन यही रहती थी कि किसान किसानी से इतना कमा नहीं पाते कि वे अपना पेट पाल सकें। भारतीय किसान की यह तस्वीर बदलती क्यों नहीं है? जीवन के हर हर क्षेत्रों में...
More »फिर जीवित होगा किसान आयोग : राजेश दुबे
भोपाल. प्रदेश में किसानों की हालत सुधारने के लिए सरकार ने मप्र कृषक आयोग को फिर से जीवित करने के साथ ही किसान विकास परिषद बनाने का फैसला लिया है। हाल ही में मुख्यमंत्री चौहान ने कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान आयोग को फिर से गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कृषि विकास परिषद के गठन पर भी सहमति जताई। यह परिषद कृषि की नई तकनीक,शोध एवं अनुसंधान पर जोर...
More »कृषि को बनाया जाएगा बहुयामी : रावत
कृषि उत्पादन से भविष्य में खाद्य जरूरतें अधिक हैं, जिसे हासिल करना आसान नहीं है। खाद्य सुरक्षा के लिए सरकार, वैज्ञानिक व किसानों को मिलकर कार्य करना होगा। तभी उत्पादन लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। ये बातें केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री हरीश रावत ने कही। वे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा में तीन दिवसीय कृषि मेला के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। पूसा में कृषि मेला का उद्घाटन करने...
More »अब गेहूं की तरह बोया जाएगा धान
बिजनौर [विनोद भारती]। सूखे की मार झेलने वाले वेस्ट यूपी के किसानों के लिए खुशखबरी। अब पानी की कमी से धान की फसल बर्बाद नहीं होगी। साथ ही रोपाई के लिए खेतों में पानी भी नहीं भरना पड़ेगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस नई विधि से पैदावार भी अपेक्षाकृत अधिक होगी। दरअसल, वैज्ञानिकों नेधान को गेहूं की तर्ज पर पंडलिंग विधि से उगाने में सफलता हासिल कर ली है।...
More »