जनसत्ता 30 नवंबर, 2013 : सियासत का हद से ज्यादा हस्तक्षेप किस तरह एक संगठित उद्योग को तबाही के कगार पर ला खड़ा करता है, गन्ना उद्योग इसकी मिसाल है। कुछ समय पहले सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस चुके मुजफ्फरनगर-शामली इलाके के लोगों को अब गन्ने के दाम की फिक्र सता रही है। आमतौर पर उत्तर प्रदेश में सरकार अगस्त-सितंबर में मिल मालिकों और किसानों से बातचीत करके आरक्षी क्षेत्र...
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विवाद निपटाने का प्रभावी माध्यम हैं लोक-अदालतें- पी सदाशिवम्
नई दिल्ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम ने लोक अदालतों के सदस्यों को आगाह किया है कि वे यह तय करें कि उनके फैसलों को सहमति देने के लिए वादी धमकाए या गुमराह न किए जाएं क्योंकि ये फैसले अंतिम हैं। इनके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती। लोक अदालतों को विवाद निपटाने का एक प्रभावी माध्यम मानते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वे गरीबों, कमजोरों और कम सूचित वर्गों...
More »दलहन व खाद्य तेलों में तेजी का असर उपभोक्ता की रसोई तक- आर एस राणा
वजह - डॉलर के मुकाबले रुपये में आई लगातार गिरावट से आयात पड़ता हुआ महंगा संशय - डॉलर की तेजी से आयातक नए आयात सौदे करने के हिचक रहे हैं। आयातक डॉलर स्थिर होने के बाद ही नए आयात सौदे करेंगे। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई भारी गिरावट का सीधा असर गृहिणी की रसोई पर पडऩा शुरू हो गया है। दलहन के...
More »दाल व खाद्य तेलों का आयात और महंगा
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में आई भारी गिरावट से दलहन और खाद्य तेलों का आयात महंगा हो गया है। दालों की थोक कीमतों में पिछले दस दिनों में जहां 300 से 600 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है, वहीं आयातित खाद्य तेलों के दाम सप्ताहभर में ही 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़े गए हैं। ग्लोबल दाल इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर चंद्रशेखर एस. नादर ने बताया कि डॉलर...
More »बेलगाम हो जाएंगी चीनी मिलें- महक सिंह
रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने के संबंध में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी। इसी के आधार पर सरकार ने चीनी उद्योग को आंशिक रूप से नियंत्रण मुक्त करने के फैसले को मंजूरी दे दी है। मगर यह फैसला गन्ना किसानों या उपभोक्ताओं के नहीं, चीनी मिलों के पक्ष में है। लेवी चीनी बेचने...
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