हमारे गांवों का कितना विकास हुआ है. क्या चुनौतियां हैं. विकास के मौजूदा मॉडल से आप कितनी सहमत हैं? मौजूदा विकास को दो-तीन तरह से देखना होगा. पहले समझना होगा कि विकास का मतलब क्या है. किस तरह का विकास होना है और किसका विकास होना है. आज सरकार की नजर में विकास का जो पैमाना है, जिसे मेनस्ट्रीम सोसाइटी विकास मानती है, और जो विकास हो रहा है क्या कल...
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नौकरशाही ने तबाह कर दी उत्तराखंड में उच्च शिक्षा
अनिल बंसल, नई दिल्ली। उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा के मामले में भले अंग्रेजी राज से ही देश भर में धाक रही हो। लेकिन उच्च शिक्षा के मामले में सूबे के हाल बेहाल हैं। सरकारी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता छीनने से लेकर शिक्षकों के पदों को मंजूरी नहीं देने पर आमादा नौकरशाह निजी विश्वविद्यालयों को बढ़ावा दे रहे हैं। एक निजी विश्वविद्यालय की मंजूरी में पांच-छह करोड़ की घूसखोरी आम बात है।...
More »स्कूलों ने ज्यादा फीस वसूली तो 2 लाख तक जुर्माना लगाने की तैयारी
भोपाल. तय की गई फीस से ज्यादा राशि वसूलने वाले स्कूलों पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने की तैयारी है। इसके लिए निजी विद्यालय शुल्क विनियम-2013 में प्रावधान किया गया है। तैयार नियमों के अनुसार फीस निर्धारण के लिए जिला व राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी को अधिकार होगा कि स्कूल प्रबंधन द्वारा अधिक फीस लेने पर वह प्रबंधन से एक लाख रुपए का जुर्माना...
More »"मथुरा रेप केस के बाद बलात्कार संबंधी कानूनों को मजबूत किया गया."
प्रकाशन और कई किस्म के सामाजिक हस्तक्षेप के जरिए भारतीय स्त्री विमर्श को एक नई दिशा देने वाली उर्वशी बुटालिया को आज भारतीय नारीवाद की एक पुरजोर आवाज के तौर पर पहचाना जाता है. भारतीय महिला आंदोलनों के बिखराव और उनकी वर्तमान दिशा पर प्रियंका दुबे ने उर्वशी के साथ विस्तार से बातचीत की आप पिछले 45 वर्षों से भारतीय स्त्री विमर्श का हिस्सा रही हैं. इस दौरान हुए बदलावों...
More »स्थानीयता की ताकत- एफएओ की नई रिपोर्ट
भारत में कुल कृषि-भूमि का तकरीबन 45 फीसद हिस्सा सिंचित-भूमि की श्रेणी में आता है और इस भूमि के 50 फीसदी हिस्से पर सिंचाई भूमिगत जल के दोहन से होती है। ग्रामीण इलाके में पेयजल की कुल खपत में 85 फीसदी की हिस्सेदारी भूमिगत जल की है लेकिन वे दिन दूर नहीं जब पानी का यह संसाधन दुर्लभ हो जाएगा। समझदारी इसी में है कि भूमिगत जल को साझे की...
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