कुछ महीने पहले योजना आयोग की गरीबी रेखा पर काफी चर्चा हुई हैं. उच्चतम न्यायलय में दायर हलफनामे में योजना आयोग ने कहा कि 2011 की सरकार की गरीबी रेखा- ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 32 रुपए- जीवनयापन यानी खाना, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है. आज से पहले किसी भी सरकार ने यह दावा नहीं किया कि गरीबी रेखा जीवन बिताने के लिए पर्याप्त...
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रंग लाने लगी बेटी बचाने की मुहिम
झज्जार, जागरण संवाद केंद्र : आखिर रंग लाई जन्म से पहले बेटी को बचाने की हमारी मुहिम। साल 2012 में अप्रैल तक जिले में जन्म लेने वाले बच्चों के बीच लिंगानुपात के आंकड़े अब बदलाव की कहानी बताने लगे है। इसे जागरूकता अभियानों का नतीजा कहें या फिर एक्टिव ट्रेकर का असर। जिले में इस बार जन्मी लड़कियों की संख्या एक नई शुरुआत की दस्तक लगने लगी है। साल 2001 में झज्जार...
More »गुजरात के इन गांवों में कोई नहीं ब्याहना चाहता अपनी बेटी
राजपीपला। गुजरात की जीवन-रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी के डेम से कुछ ही दूरी पर स्थित होने पर भी यहां के दो गांवों में पीने का पानी नहीं है। पानी की यहां इस कदर किल्लत है कि अन्य गांव के लोग इन गांवों में अपनी बेटी ब्याहने तैयार नहीं होते हैं। राजपीपला शहर के पास स्थित इन दो गांवों के नाम हैं देवलिया और जैतपुर। आजादी के 63 वर्षो के...
More »'सत्यमेव जयते': मार्केटिंग का कमाल या आमिर का धमाल?
नई दिल्ली. आमिर खान के शो ‘सत्यमेव जयते’ की इस वक्त जबरदस्त चर्चा हो रही है। बीते रविवार को पहली बार टीवी पर दिखाए गए इस शो की काफी तारीफ भी हो रही है तो कुछ लोग इस शो और इसके होस्ट आमिर की आलोचना भी कर रहे हैं। लेकिन कुल मिलाकर आमिर का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट लोगों के बीच बहस का मुद्दा बना हुआ है। चाहे वह आमिर की कोई नई...
More »बुजुर्गों के लिए इज्जत की जिन्दगी -आईए, एक अभियान का हिस्सा बनें
बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...
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