जनसत्ता 11 मई, 2013: हम जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो कहते हैं, सर्वोच्च न्यायालय की दृष्टि में वह और कुछ नहीं, बल्कि सरकारी ‘पिंजरे का तोता' है जिसके कई मालिक हैं। न्यायालय ने यह राय कोयला घोटाले की जांच की प्रगति-रिपोर्ट उसे सौंपे जाने से पहले सरकार से साझा किए जाने पर जाहिर की है। रिपोर्ट को कानून मंत्री के अलावा कोयला मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिवों ने भी...
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खेती की पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग से 10 गुना ज्यादा कांपिटिशन
रायपुर. रोजगार के बेहतर मौकों की वजह से एग्रीकल्चर की पढ़ाई इस समय इंजीनियरिंग पर भारी पड़ती दिख रही है। इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति छात्रों का रुझान घटता जा रहा है। पीईटी के लिए इस साल आए आवेदनों को देखा जाए, तो इंजीनियरिंग की हर दो सीटों के लिए करीब तीन छात्रों के आवेदन थे। ठीक उलट एग्रीकल्चर की दो सीटों के लिए 50 दावेदार मैदान में हैं। राज्य...
More »मासूम गिरोहों की दिल्ली- प्रियंका दुबे
समाज व व्यवस्था की उदासीनता और वयस्क अपराधियों की सक्रियता की वजह से दिल्ली में बच्चों के कई आपराधिक गिरोह पनप रहे हैं. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. गर्मियों की एक दोपहर. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन. नई-दिल्ली-गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस अपनी यात्रा पूरी कर चुकी है. यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर उतारने के बाद खाली हो चुकी ट्रेन धुलाई-सफाई के लिए रेलवे स्टेशन के पीछे बने यार्ड की तरफ बढ़ रही है. अचानक एक कोच...
More »खराब सुविधाओं के लिए गुजरात सरकार के विद्यालयों की आलोचना
अहमदाबाद (भाषा)। गुजरात के आठ जिलों में शिक्षा के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अध्ययन करने वाले एक गैर सरकारी संगठन ने पाया कि इस जिले के 57 प्रतिशत सरकारी विद्यालयों में छात्र पर कमरों :पीआरआर: का अनुपात बहुत खराब है। यह रिपोर्ट जनविकास द्वारा जारी की गई जिसने राज्य के आठ जिलों में गत वर्ष अक्तूबर से दिसम्बर तक शिक्षा का अधिकार कानून के क्रियान्वयन का अध्ययन किया। पीआरआर छात्रों...
More »क्या कागजी ही रहेगा बालश्रम कानून- किशोर
जनसत्ता 30 अप्रैल, 2013: मंत्रिमंडलीय समितिद्वारा बालश्रम (प्रतिबंधन एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 में संशोधन को मंजूरी दिए छह महीने से ज्यादा हो गए हैं, पर अभी तक यह संसद के दोनों सदनों में पास नहीं हो पाया है। इस संशोधन को राज्यसभा में पेश भी किया जा चुका है, पर मामला उससे आगे नहीं बड़ा है। इस अधिनियम में संशोधन के बाद चौदह वर्ष से कम आयु के बच्चों से...
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