भोपाल| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार द्वारा उर्वरकों की कीमतों में की गई बढ़ोतरी के खिलाफ शुक्रवार को एक दिवसीय 'किसान बचाओ अनुष्ठान' (उपवास) शुरू कर दिया है। शिवराज ने खाद की कीमतों की बढ़ोतरी के खिलाफ 15 जून को 24 घंटे का उपवास रखने का ऐलान किया था। उनकी मांग है कि खाद के दामों में की गई बढ़ोतरी को वापस लिया जाए, किसान हितैशी...
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स्विस बैंकों में रखे भारतीय धन में बढोतरी
नई दिल्ली : स्विट्जरलैंड ने आज कहा कि स्विस बैंकों में रखे भारतीयों का धन 2011 के अंत में 2.18 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 12,740 करोड रुपये) रहा. पिछले पांच साल में यह पहला मौका है जब भारतीयों के रखे धन में वृद्धि हुई है. स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) ने स्विस बैंकों पर प्रकाशित सालाना पुस्तिका के अनुसार भारतीयों तथा इकाइयों ने सीधे 2.025 अरब स्विस फ्रैंक स्विस बैंकों में जमा...
More »आखिर गरीबी के मायने क्या?- हर्षमंदर
पिछले साल के अंतिम दिनों की बात है। दो युवकों ने तय किया कि वे अपने जीवन का एक माह उतने पैसों में बिताएंगे, जो एक औसत गरीब भारतीय की मासिक आय है। उनमें से एक युवक हरियाणा के एक पुलिस अधिकारी का बेटा है। उसने पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है और अमेरिका और सिंगापुर में बैंकर के रूप में काम कर चुका है। दूसरा युवक अपने माता-पिता के साथ...
More »विकास का शौचालय सिद्धांत- यशवंत व्यास
आत्मविकास की परंपरा में शौचालय का भारी योगदान रहा है। दिशा-मैदान की भारतीय रीति ने कई लोगों को दिमागी तौर पर परेशान किया। कहा जाता है कि गांवों में जंगल की झाड़ियों को ढूंढने और लौटते समय कुएं से दातौन चबाते हिंदुस्तानी लोग परदेसियों के लिए अजूबे थे। भूमिपुत्रों के देश में शौचालय की परंपरा का आगमन आयातित संस्कृति का प्रतीक हो सकता है, लेकिन इससे कौन इनकार करेगा कि महानगरों...
More »शहर और गांव- एक देश की दो कहानी
देश में मौजूद विषमता की बात करते हुए अकसर कहा जाता है, यहां दो देश बसते हैं, एक भारत तो एक इंडिया। हाल के सालों में इसपर बहसें भी खूब हुई हैं और अब खुद एक सरकारी रिपोर्ट से जान पड़ता है कि अपने देश में “भारत” की सच्चाई कुछ और है, “इंडिया” की कुछ और। एक ऐसे समय में जब शहरी भारत की तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है और यही चलन नीति-निर्माताओं को पसंद भी आ...
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