वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पर संसद में हुई बहस का जवाब देते हुए इस सोच का खंडन किया है कि गरीब समर्थक और कारोबार समर्थक नीतियों में कोई फर्क होता है। उन्होंने पूरी विनम्रता से स्वीकार किया है कि उनका बजट गरीब समर्थक भी है और कारोबार समर्थक भी। यह बात लगभग उसी तरह की है, जैसे यह कहा जाए कि एक तरफ जगदीश भगवती और अरविंद पणगरिया...
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142 स्कूलों में बच्चे नहीं, फिर भी लगे हैं टीचर
नईदुनिया ब्यूरो, जयपुर। राजस्थान में सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन और टीचरों की नियुक्ति के बारे में एक अजीब बात सामने आई है। प्रदेश के 142 प्राथमिक विद्यालय ऐसे है जहां एक भी बच्चा नहीं है, लेकिन 251 टीचर इन स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा 28 हजार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या 30 से भी कम है। राज्य के सरकारी स्कूलों की...
More »बाजार समिति: कृषि विभाग का तर्क, समाप्त हो सकती है बाजार शुल्क से होने वाली आय
रांची: कृषि मंत्री योगेंद्र साव द्वारा बाजार समिति भंग करने की अनुशंसा के बाद कृषि विभाग में नयी फाइल बनी है. कृषि विभाग ने मंत्री को बाजार समिति भंग करने से पहले बिहार का अनुभव पता करने की सलाह दी है. मंत्री को भेजी गयी फाइल में बाजार समिति की आधारभूत संरचना और कार्यरत बल के भविष्य के लिए कोई योजना बनाने का सुझाव दिया गया है. साथ ही बाजार समिति...
More »निर्मल गंगा का सपना- केपी सिंह
जनसत्ता 25 जून, 2014 :गंगा को निर्मल बनाने का अभियान नई सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। सरकार की प्रतिबद्धता इसी बात से आंकी जा सकती है कि इस संबंध में प्रारंभिक बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। काम बहुत मुश्किल है, पर असंभव नहीं। गंगा हिमालय से निकल कर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से बहते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर समुद्र...
More »समग्र स्वास्थ्य नीति के आधार- रितुप्रिया
जनसत्ता 17 जून, 2014 : दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट गहरा रहा है। पिछले डेढ़ सौ सालों में बनीं यूरोप और उत्तरी अमेरिका की सेवाएं उनके लिए भी अत्यधिक महंगी और एकांगी साबित हो रही हैं। मकिंजी कंपनी ने अनुमान लगाया था कि अगर स्वास्थ्य-सेवाओं पर खर्च ऐसे ही बढ़ता रहा तो 2100 में अमेरिका को अपनी सकल आय का सत्तानबे फीसद और यूरोप को साठ फीसद स्वास्थ्य...
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