रायपुर. राज्य के सरकारी स्कूलों में सेटेलाइट नेटवर्क की मदद से पढ़ाई करवाने का सरकारी प्लान हवा-हवाई साबित हो रहा है। वाहवाही लूटने और कमीशनबाजी के चक्कर में विभाग के अफसरों ने पिछले पांच सालों के अंदर राज्य की दो सौ से ज्यादा स्कूलों को एजुकेशन सेटेलाइट सिस्टम से जोड़ दिया। पूरे प्लान पर 10...
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आंदोलनों से सीखा जिंदगी का ककहरा- गुंजेश की रिपोर्ट
1951 के आसपास जब जयपाल सिंह और उनकी झारखंड पार्टी आदिवासियों के लिए भारतीय संघ के भीतर स्वायत्तता का रास्ता ढूंढ़ रहे थे, उसी वक्त पूर्वोत्तर भारत में नगाओं का अतिवादी समूह अलग राष्ट्र के सपने देख रहा था. ऐसे समय में हजारों मील दूर पंजाब की फरीदकोट छावनी में एक फौजी परिवार के यहां एक लड़की ने जन्म लिया. 1964-68 में यह लड़की परिवार के साथ शिलांग पहुंचती है. जहां फौजी...
More »पेशेवर दक्षता बनाम संघर्ष- अनिल चमड़िया
जनसत्ता 17 अक्टुबर, 2012: भूमंडलीकरण का दौर शुरू होने के बाद, कई दूसरे कामों में लगे लोगों का राजनीति में वर्चस्व बढ़ा है। राजनीति में पहले किसी राजनीतिक संगठन का कार्यकर्ता होने की शर्त होती थी। अलबत्ता कुछेक दूसरे पेशों के लोग भी राजनीति में अपना प्रभाव रखते थे। इनमें खासकर वकील होते थे। लेकिन उनकी राजनीतिक सक्रियता कार्यकर्ताओं और राजनीतिक संस्कृति के दबाव में रहती थी। राजनीतिक संस्कृति से तात्पर्य उस...
More »यहां पर बच्चे पढ़ने नहीं काम करने जाते हैं स्कूल-पंकज सर्राफ
ऊधमपुर. केंद्र सरकार समूचे भारत में सर्व शिक्षा अभियान स्कीम के माध्यम से हर बच्चे को शिक्षित करने के भरपूर प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में तैनात कुछ लापरवाह अध्यापक विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। कभी स्कूल में बच्चों से मिड-डे-मील बनवाया जाता है तो कभी उन्हें पीने का पानी ढोने के कार्य में लगा दिया जाता है। सरकारी स्कूलों में...
More »झारखंड में आज भी सपना है बेहतर इलाज
रांची से 32 किमी दूर रांची-पुरुलिया रोड से एक किमी बायें हटकर पहाड़ी की तलहटी में बसा चमघटी पाहनटोली गांव अपनी खूबसूरत भौगोलिक स्थिति व भरपूर हरियाली के कारण लोगों का मन मोह लेता है. पर इस गांव के लोगों की बदहाल जिंदगी व उनका दुख दिल को झकझोर देता है. 31 अगस्त को रांची के अनगड़ा प्रखंड के इस गांव की बीमार आदिवासी महिला लीलावती देवी की मिरगी या...
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