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अन्नश्री योजना के पात्र उम्मीदवारों का दायरा बढ़ा

जनसत्ता संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली मंत्रिमंडल ने बुधवार को दिल्ली अन्नश्री योजना को व्यापक बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी ताकि इस योजना का फायदा अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों को मिल सके। प्रस्ताव में उदार पात्रता मानदंड का प्रावधान है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली...

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42 स्कूलों को मिली किचन शेड निर्माण के लिए राशि

आसनसोल: आसनसोल नगर निगम के अधीन संचालित 42 प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में किचन शेड के लिए आवंटित राशि शुक्रवार को सीधे स्कूलों के बैंक खाते में भेज दिया गया. इधर इस राशि को जमा करने को लेकर मेयर तापस बनर्जी व मेयर परिषद सदस्य (शिक्षा) गुलाम सरवर के परस्पर विरोधी बयान आये हैं. मेयर श्री बनर्जी का कहना है कि यह राशि शुक्रवार को जमा हुई, जबकि श्री...

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सस्ती बिजली की विभीषिका- डा भरत झुनझुनवाला

उत्तराखंड में आयी आपदा प्रत्यक्ष रूप से प्राकृतिक है, लेकिन जल विद्युत परियोजनाओं ने बादल फटने की इस सामान्य घटना को विभीषिका में तब्दील कर दिया है. केदारनाथ के नीचे फाटा व्यूंग और सिंगोली भटवाड़ी विद्युत परियोजनाएं बनायी जा रही हैं. प्रत्येक में करीब 20 किलोमीटर लंबी सुरंग पहाड़ में खोदी जा रही है. सुरंग खोदने के लिए भारी मात्रा में विस्फोटों का प्रयोग हो रहा है. इन विस्फोटों से...

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पारदर्शिता का पैमाना और पार्टियां- शीतला सिंह

जनसत्ता 11 जून, 2013: केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने एक फैसले में राजनीतिक दलों को सूचना आयोग कानून के तहत जवाबदेह माना है। आयोग की पूर्णपीठ ने राजनीतिक दलों का यह तर्क नहीं स्वीकार किया कि वे सरकारी सहायता से चलने, उनसे अनुदान प्राप्त करने वाले संगठन नहीं हैं इसलिए वे इस कानून से मुक्त हैं। केंद्रीय सूचना आयोग का मानना है कि वे केंद्र सरकार की ओर से परोक्ष...

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भूख की भाषा और शास्त्र - सुधीश पचौरी

जनसत्ता 30 मई, 2013: हमारे समकालीन सोच-विचार की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि ‘गरीब' के बारे में सिर्फ ‘अमीर' (इस प्रसंग में ‘एलीट') विचार करते हैं। गरीब अपनी गरीबी के बारे में विचार करता नहीं पाया जाता। अपने बारे में इस कदर ‘विचार विहीन' होने के बारे में भी गरीब कभी नहीं बोलता। यह बात भी अमीर ही बताते हैं कि गरीब अपनी गरीबी के बारे में इस कारण विचार...

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