सिंगापुर में बीबीसी वर्ल्ड बिजनेस न्यूज का प्रस्तुतकर्ता खुशी-खुशी इस संभावना के बारे में बात कर रहा था कि अपने आईपीओ के मार्फत फेसबुक एक ‘ट्रिलियन डॉलर कंपनी’ बन सकती है। जाहिर है वह गलत था। फेसबुक का कमजोर प्रदर्शन इस बात की ओर साफ इशारा करता है कि पश्चिमी पूंजीवाद पटरी से उतरता जा रहा है। तथाकथित वैश्विक नेता महज वक्त जाया कर रहे हैं, जबकि बुनियादी संरचनाओं के समक्ष गंभीर संकट...
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महंगाई दर में वृद्धि
नई दिल्ली। सब्जी, खाद्य तेल तथा दूध की कीमतों में उछाल से खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल महीने में बढ़कर 10.32 प्रतिशत हो गई। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक [सीपीआई] पर आधारित संशोधित मुद्रास्फीति मार्च महीने में 9.38 प्रतिशत थी। अस्थाई आंकड़ों में इसके 9.47 प्रतिशत रहने की बात कही गई थी। अप्रैल महीने सब्जी की कीमत में सालाना आधार पर सर्वाधिक 24.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई...
More »बर्बादी की वजह बनते बीज- जाहिद खान
बीज खेती की बुनियाद है और अच्छे बीज, अच्छी खेती की जमानत। पर ये बीज ही आज किसानों को खून के आंसू रूला रहे हैं। हाल के सालों में ऐसे कई मामले सामने निकलकर आए हैं, जब बीज किसानों की बर्बादी की वजह बने। किसान अधिक पैदावार की लालच में संकर और जीएम बीजों का इस्तेमाल करते हैं और बाद में सिर्फ छले जाते हैं। हैरत की बात यह है...
More »इंडिया और भारत के उपभोक्ता- मृणाल पांडेय
उपभोक्तावाद पर कई बेदिमाग टिप्पणियों से यह भी साफ झलकता है कि कई महानगरीय लेखकों की नजर अहं भरी है। उनकी राय है कि गांव या कसबे का बेचारा मनई पूरी तरह बाजार के हाथों की कठपुतली बन नाच रहा है। शहरी बड़े भैया लोगों का यह तर्क आगे जाकर शहरों, खासकर बड़े शहरों के उपभोक्ता को एक अनैतिक उपभोगवादी बाजार बंधु और ग्रामीण मजूर किसानों का खतरनाक वर्ग शत्रु...
More »आज नकद कल रियायत- शिरीष खरे की रिपोर्ट( तहलका हिन्दी)
राजस्थान में अलवर जिले के कोटकासिम ब्लॉक का यह ओजली गांव है. यहां ग्राम सेवा सहकारी समिति की उचित मूल्य की दुकान पर तीन महीने पहले तक केरोसिन के लिए उपभोक्ताओं की भीड़ जमा हो जाती थी. पर अब उसी केरोसिन के नाम पर चारों ओर सन्नाटा पसर जाता है. दुकान के कर्मचारी महावीर यादव के मुताबिक इस सन्नाटे की वजह यह है कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर केरोसिन...
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