जनसत्ता 28 अगस्त, 2013 : गए साल मार्च की बात है, जब मुंबई के एक उपनगर के गिरजाघर में सलीब पर टंगी ईसा मसीह की प्रतिमा के पैर से टपक रहे जल ने तहलका मचा दिया था। हजारों की तादाद में वहां भीड़ जुटने लगी और ईसा मसीह के ‘टपकते आंसुओं’ से भावविह्वल होती नजर आई। मेले जैसा दृश्य बन गया। टीवी वालों ने इस ‘चमत्कार’ का सजीव प्रसारण शुरू...
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तू क्यों पिछड़ी लाडो!- प्रियंका कौशल
छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों में आज भी महिलाओं को पुरुषों से ऊंचा दर्जा दिया जाता है और इसकी शुरुआत होती है परिवार में बेटियों को तवज्जो देने से. लेकिन राज्य की राजनीति में यह तस्वीर बिल्कुल उल्टी है. प्रियंका कौशल की रिपोर्ट. राजनीति में परिवारवाद ऐसी बुराई हो चली है जिसके खिलाफ कोई मुहिम नहीं छेड़ी जा सकती. अब यदि ऐसा है तो क्या इसमें कुछ सकारात्मक पक्ष खोजा जा सकता...
More »पत्रकारिता का लाइसेंस क्यों?- उर्मिलेश
जनसत्ता 22 अगस्त, 2013 : भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू काफी दिनों से पत्रकारिता की तुलना वकालत और डॉक्टरी आदि जैसे पेशों से करते आ रहे हैं।उनका तर्क है कि अन्य सभी पेशों के लिए कुछ न कुछ योग्यता तय है। पर पत्रकार कोई भी बन जाता है! पांच-छह महीने पहले उनके इस आशय के बयानों पर काफी विवाद हुआ तो विस्तृत रिपोर्ट और सुझाव देने के लिए उन्होंने...
More »किसानों पर भारी पड़ेगी खाद्य सुरक्षा- वी एम सिंह
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार आगामी लोकसभा चुनाव की सीढ़ियां जिस खाद्य सुरक्षा अध्यादेश, 2013 के सहारे चढ़ना चाह रही है, वह अध्यादेश खामियों से भरा हुआ है। खाद्य सुरक्षा अध्यादेश लागू होने के बाद जहां लाभार्थियों के अनाज आवंटन में कटौती होगी, वहीं वर्तमान में लाभ ले रहे लाभार्थियों की संख्या में भी कटौती हो जाएगी। इस बिल में किसानों के संरक्षण का कहीं कोई जिक्र ही नहीं किया...
More »असामाजिक तत्वों ने चापाकल में डाला जहरीला पदार्थ,पानी पीते ही कई छात्र हुए बेहोश
टना:16 जुलाई को मशरक में कीटनाशकयुक्त मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत के बाद स्कूल व अन्य सरकारी चापाकलों में जहरीला पदार्थ डालने की शुरू हुईं घटनाएं रुकने के बजाय तेज हो गयी हैं. गुरुवार को गोपालगंज, सारण, सीवान व जहानाबाद जिलों में चापाकलों में विषाक्त पदार्थ डालने के वाकये सामने आये. गोपालगंज व सारण में तो चापाकलों का पानी पीने से प्रधानाध्यापक व रसोइया समेत दर्जनों...
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