रांची से पलामू जाने वाले एनएच - 75 पर ब्रांबे से उेढ़-दो किमी बायीं ओर लगभग छह-सात एकड़ भूमि में हरी-भरी सब्जियां की फसल, फूल और फल आपको हर मौसम में दिख जायेंगे. बरबस आपका ध्यान यह दृश्य अपनी ओर आकर्षित कर लेगा. इन खेतों में आपको तमाम तरह के मौसमी सब्जियां मिल जायेंगी. ये जमीन कई वर्ष तक बंजर पड़ी रही थीं. लेकिन एक इनसान की मेहनत और लगन...
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काली की मेहनत से बंजर में छायी हरियाली- शिकोह अलबदर
रांची से पलामू जाने वाले एनएच - 75 पर ब्रांबे से उेढ़-दो किमी बायीं ओर लगभग छह-सात एकड़ भूमि में हरी-भरी सब्जियां की फसल, फूल और फल आपको हर मौसम में दिख जायेंगे. बरबस आपका ध्यान यह दृश्य अपनी ओर आकर्षित कर लेगा. इन खेतों में आपको तमाम तरह के मौसमी सब्जियां मिल जायेंगी. ये जमीन कई वर्ष तक बंजर पड़ी रही थीं. लेकिन एक इनसान की मेहनत और लगन...
More »कृषि नीति और नीयत का संकट- अविनाश पांडेय समर
आंकड़ों की नजर से देखा जाये, तो भारतीय कृषि सहज बोध को धता बतानेवाली अजूबे सी दिखती है. कुछ इस तरह कि भारत की विकास दर के दहाई पार कर देश को अगली विश्व शक्ति बनाने के सपने दिखाने के ठीक बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में आते हुए ध्वस्त हो जाने पर कृषि क्षेत्र में सुधार ने ही संभाला था. और यह भी कि कुल आबादी के करीब 67...
More »बिना मांगे नहीं मिलेगा अधिकार : महुआ मांजी
महुआ मांजी देश में एक साहित्यकार के रूप में जानी-पहचानी जाती हैं. इन्होंने अपनी लेखनी से न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी शोहरत हासिल की है. गत वर्ष नवंबर महीने में इन्हें राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष का पदभार सौंपा गया. पदभार ग्रहण करते ही इनकी सक्रियता नजर आने लगी. महिला हित की रक्षा के लिए इन्होंने कई स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया. साथ ही इसके लिए इन्होंने...
More »बिना मांगे नहीं मिलेगा अधिकार : महुआ मांजी
महुआ मांजी देश में एक साहित्यकार के रूप में जानी-पहचानी जाती हैं. इन्होंने अपनी लेखनी से न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी शोहरत हासिल की है. गत वर्ष नवंबर महीने में इन्हें राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष का पदभार सौंपा गया. पदभार ग्रहण करते ही इनकी सक्रियता नजर आने लगी. महिला हित की रक्षा के लिए इन्होंने कई स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया. साथ ही इसके लिए इन्होंने...
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