नई दिल्ली. पैसे लेकर विज्ञापन को खबर की तरह छापने की शिकायत के बावजूद भी चुनाव आयोग पेड न्यूज से पूरी तरह अनजान बना हुआ है। आयोग को अभी तक यह मालूम नहीं पड़ पाया है कि आखिर पेड न्यूज किस खेत की मूली है। सबसे मजेदार बात यह है कि आरटीआई के अंतर्गत चुनाव आयोग ने भारतीय प्रेस परिषद को बकायदा एक लेटर लिखकर पेड न्यूज के बारे में सारी जानकारी मांगी है।...
More »SEARCH RESULT
तब धरती के सीने को भट्टी बना देंगे पौधे!
मुंबई। अब तक माना जाता रहा है कि पेड़-पौधे धरती का तापमान कम रखने में मददगार हो सकते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में पाया है कि अगर वायुमंडल में कार्बन डाईआक्साइड की अधिकता हो गई तो पेड़-पौधे धरती की सतह को सीधे गर्म कर देंगे। बेंगलूर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस [आईआईएससी] के प्रोफेसर गोविंदसामी बाला ने बताया कि हाल ही में किए गए एक वैश्विक माडल अध्ययन में इस अवधारणा पर...
More »लीची को लूट लिया पछुआ ने
पटना। पछुआ ने लीची को लूट लिया। किसान माथा पीट रहे हैं। बर्बादी का अंदाज इसी से कि आधा से अधिक उत्पादन प्रभावित है। शुरू में लीची खातिर मौसम अनुकूल था। मगर अप्रैल-मई की झुलसाने वाली गर्मी और पिछले दिनों चली पछुआ हवा ने मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेगूसराय के बड़े रकबे में लीची की फसल को बर्बाद कर दिया है। भीषण गर्मी ने दोतरफा मार की। एक, शुरू में बड़ी मात्रा में फूल...
More »चिपको आंदोलन: याद रखेंगी पीढियां
नई दिल्ली। पेड़ों को लेकर लोग मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं लेकिन चिपको और अप्पिको आंदोलन में हरियाली के दूतों के बलिदान की तत्परता को पीढि़यां याद रखेंगी। ऐसा जनजागरण जिसमें विशेष तौर पर स्त्री शक्ति का प्रदर्शन हुआ था। सुंदरलाल बहुगुणा के नेतृत्व में चिपको आंदोलन ने लोगों को वन रक्षा की प्रेरणा दी और सरकार को भी वनों की कटाई रोकने को विवश कर दिया। उत्तर भारत के चिपको आंदोलन से...
More »स्कूलों को प्यास-अंधेरे ने जकड़ा
देहरादून। सूबे के प्राइमरी से लेकर माध्यमिक के सैकड़ों स्कूलों को 'प्यास और अंधेरा' जकड़े हुए है। हजारों छात्र-छात्राओं पर गरमी ही नहीं, हर मौसम भारी गुजरता है। 12 हजार स्कूलों में बिजली का उजाला नहीं तो 1800 स्कूल प्यासे हैं। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि नौनिहालों के बहुमुखी विकास से सूबे की शिक्षा करीबी रिश्ता कायम करना तो दूर, कोसों दूर नजर आ रही है। प्राइमरी से...
More »