सरकारी नौकरियों में आदिवासी समुदाय के लोगों की मौजूदगी नाम-मात्र को है- एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् द्वारा जारी एक शोध में इस तथ्य की नये सिरे से पुष्टी की गई है। बीते 18 सितंबर को जारी इस शोध के संकेत हैं कि आरक्षण की नीति के बावजूद कुछ मामलों में आदिवासी समुदाय के लोगों का हाशियाकरण लगातार बढ़ रहा है। (पूरी रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें). बीते मई महीने...
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भ्रष्टाचार का भयावह मंजर- ज्ञान प्रकाश पिलानिया
जनसत्ता 17 सितंबर, 2013 : हाल ही में ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की ‘वैश्विक भ्रष्टाचार: बैरोमीटर-2013’ रिपोर्ट में एक बार फिर यह उजागर हुआ है कि भारत में भ्रष्टाचार दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले दुगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है। विश्व के सत्ताईस फीसद लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल भर के दौरान रिश्वत देकर काम कराया है। लेकिन अकेले भारत में यह आंकड़ा चौवन फीसद रहा। यानी हर दो में...
More »देश के 20% घरों में अनाज का दाना नहीं : प्रो द्रेज
पटना: अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि बिहार भूख व मिस गवर्नेस की राजधानी है. यहां भूख व असुरक्षा की स्थिति सबसे अधिक है. छत्तीसगढ़ व ओड़िशा की स्थिति इतनी बुरी नहीं है. पेंशन योजनाओं के मामले में भी बिहार की हालत दयनीय है. ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से बिहार को बड़ा अवसर मिला है. अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में ‘फूड सिक्युरिटी बिल एंड...
More »गए गुरुजी काम से- राहुल कोटियाल
गया वह ज़माना जब शिक्षक पढ़ाया करते थे. अब उन्हें छत्तीस सरकारी कामों के लिए नौकरी पर रखा जाता है. राहुल कोटियाल की रिपोर्ट. 'वर्तमान शिक्षा-पद्धति रास्ते में पड़ी हुई कुतिया है, जिसे कोई भी लात मार सकता है.’ यह टिप्पणी प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल ने अपने सबसे चर्चित उपन्यास 'राग दरबारी' में की थी. यह उपन्यास आज से लगभग पचास साल पहले लिखा गया था. यह वह दौर था जब...
More »बदलाव की गुमनाम बयार- निराला
बिहार की राजधानी पटना में कुछ युवा चुपचाप दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. निराला की रिपोर्ट. अगर आप पटना के किसी शख्स से वहां के युवाओं के बारे में जानना चाहेंगे तो उसके मन में इन युवाओं की कई स्मृतियां मिलेंगी. मसलन सड़कछाप युवकों की टोलियां जो लहरिया कट (बाइक को इधर-उधर नचाकर चलाना) में हुड़दंग मचाते हुए राह चलते लोगों को...
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