कुपोषण के मोर्चे से एक अच्छी खबर! भारत केंद्रित एक सर्वेक्षण के शुरुआती निष्कर्ष हैं कि पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण का स्तर साल 2005-06 से 2013-14 के बीच घटा है। सर्वेक्षण के निष्कर्ष ग्लोबल न्यूट्रीशन रिपोर्ट 2014 में संकलित किए गए हैं। (देखें नीचे दी गई लिंक और बिन्दुवार तथ्य) रैपिड सर्वे ऑन चिल्ड्रेन नाम का यह सर्वेक्षण नागरिक संगठनों, स्वास्थ्य और खाद्य-सुरक्षा विशेषज्ञों की निरंतर...
More »SEARCH RESULT
गांव में बिजली, टीवी सब है, नहीं है तो बस एक भी शौचालय
अनूपपुर(ब्यूरो)। गांव में बिजली है। लोगों के घरों में टीवी है। प्राइमरी स्कूल भी है और लोगों की सुविधा के लिए 20 हैंडपंप भी। बस नहीं है तो केवल शौचालय। ये हालात-ए-बयां हैं अनूपपुर से 30 किमी की दूरी पर बसे गांव कदमसरा के। लगभग ग्यारह सौ की आबादी वाले इस गांव में किसी भी घर में शौचालय नहीं है। हालात ऐसे हैं कि यहां सरपंच, ग्राम रोजगार सहायक, आंगनबाड़ी...
More »अरबों के बकाए के चलते बुझ गई 'अटल ज्योति'
जबलपुर(नईदुनिया टीम)। कुछ महीनों पहले तक रोशनी से जगमग रहने वाले महाकोशल-विंध्य के हजारों गांवों की ज्याेति बुझ गई है। विद्युत बोर्ड के अफसरों ने बिल बकाया होने का हवाला देकर एक तरफ से आपूर्ति बंद करवा दी है। गांवों के ट्रांसफार्मर ही उतरवा लिए। ऐसी सजा से ग्रामीण सिंचाई के लिए परेशान हैं तो बिजली आधारित व्यवसाय बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। बोर्ड की परीक्षाएं सिर पर हैं...
More »तमिलनाडु में ब्लैक लिस्टेड, छत्तीसगढ़ में कर रही दवा की सप्लाई
प्रशांत गुप्ता, रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) का एक और बड़ा कारनामा उजागर हुआ है। कॉर्पोरेशन ने एक ऐसी दवा निर्माता कंपनी को लगभग 7 करोड़ 86 लाख की दवा सप्लाई का ऑर्डर जारी कर दिया है, जिसके लाइसेंस को जम्मू-कश्मीर के ड्रग एंड फूड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने अगस्त 2013 में ही रद्द कर दिया था। तमिलनाडु मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इस कंपनी द्वारा बनाई गई दवा को अमानक...
More »नरेगा मजदूरों की काली दिवाली- ज्यां द्रेज
कुछ दिन पहले जब दीये और पटाखे की रोशनी से देश जगमगा रहा था तो बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सैकड़ों नरेगा मजदूर ‘काली दीवाली' मनाने के लिए इक्कट्ठा हुए। उन्हें महीनों से मजदूरी नहीं मिली थी। मजदूरी मिलने के इंजतार में थक-हार कर नरेगा मजदूरों ने तत्काल भुगतान की मांग के साथ एक धरने का आयोजन किया। धरने पर बैठे मजदूर ज्यादा कुछ नहीं मांग रहे थे- उन्हें बस...
More »