लंदन। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी [आईईए] ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय संकट के कारण वर्ष 1981 के बाद पहली बार इस वर्ष दुनिया भर में ऊर्जा की खपत में गिरावट आएगी। आईईए ने मंगलवार को लंदन में वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक [डक्ल्यूईओ] जारी किया। रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में आर्थिक संकट के प्रभाव से वर्ष 2009 में ऊर्जा की मांग में दो प्रतिशत की गिरावट...
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कितनी जायज मदद की मांग
देश की दवा कंपनियों के एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था इंडियन फार्मास्युटिकल्स एलायंस ने असामान्य कदम के तहत सरकार से उद्योग को सहायता देने की मांग की है। उद्योग इस समय भारतीय कंपनियों के विदेशी अधिग्रहण से जूझ रहा है। इनमें से कोई भी अधिग्रहण जबरन नहीं है। तो ऐसे में सरकार कहां से आती है, खासकर तब जबकि सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं है? यह भी साफ...
More »सुधार से उपजी चुनौतियां
यथास्थिति बनाए रखने वाली मौद्रिक नीति की घोषणा को एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि विश्लेषक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दिसंबर से पहले सख्त कार्रवाई का अनुमान जताने लगे हैं। एक वाजिब सवाल यह है कि क्या अगले दो महीनों के दौरान नाटकीय रूप से ऐसा बदलाव आएगा कि हालात बेहतर हो जाएं। इसका जवाब किसी मौद्रिक प्रतिक्रिया के सही समय से निर्धारित होगा। फिलहाल ज्यादातर लोग अनुमान लगा रहे...
More »भुखमरी और कुपोषण के हालात बयान करते दो और रिपोर्ट
दो जून भर पेट भोजन ना जुटा पाने वालों की तादाद दुनिया में इस साल एक अरब २० लाख तक पहुंच गई है और ऐसा हुआ है विश्वव्यापी आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट(२००७-०८) के साथ-साथ साल २००७-०८ में व्यापे आहार और ईंधन के विश्वव्यापी संकट के मिले जुले प्रभावों के कारण। यह खुलासा किया है संयुक्त राष्ट्र संघ की इकाई फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की हालिया रिपोर्ट ने । द...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
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