संदीप चंसौरिया/शशिकांत तिवारी, भोपाल। बड़वानी में जिस संक्रमित आईवी फ्लूड के कारण 43 लोगों की एक आंख की रोशनी चली गई, वह बीएफएस (ब्लो फिल्ड शील्ड) प्लास्टिक की बॉटल में भरा होता है। इस बॉटल की कीमत आठ रुपए है, जबकि इससे महज 2 रुपए महंगी 10 रुपए की एफएफएस (फॉर्म फिल्ड शील्ड) में भरे आईवी फ्लूड के संक्रमिक होने का खतरा कई गुना कम हो जाता है। बड़वानी घटना की...
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जेलों पर बढ़ते बोझ के मायने-- पंकज चतुर्वेदी
इरफान फरवरी 2007 में समझौता एक्सप्रेस से दिल्ली आया था, वापसी में उसमें बम फटा और उसका पूरा सामना जल गया। पुलिस ने उसे अस्पताल से उठाया व बगैर पासपोर्ट के भारत में रहने के आरोप में अदालत में खड़ा कर दिया। उसे चार साल की सजा हुई। तब से वह जेल में है यानी आठ साल से। वहां मिली यातना व तनहाई से वह पागल हो गया। पाकिस्तान में...
More »सरकार नहीं मानती भूख से हुई हैं मौतें
संकट : चाय बागानों में नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, और पांच श्रमिकों की मौत एक तरफ उत्तर बंगाल के चाय बागानों में भूख और इलाज के अभाव में श्रमिक लगातार दम तोड़ रहे हैं. लेकिन मंगलवार को राज्य सरकार ने साफ कह दिया कि किसी श्रमिक की भूख या इलाज के अभाव में मौत नहीं हुई है. राज्य से श्रम मंत्री मलय घटक ने िवधानसभा में सवालों के जवाब...
More »पंजाब में दो दलितों का हाथ-पैर काटा, मौत
अबोहर : पंजाब के अबोहर के दलितों की हत्या का मामला आज राज्यसभा में गूंजा जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित रही. प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां दलित समुदाय के दो लोगों के हाथ-पैर काटे जाने के बाद से स्थिति तनावपूर्ण हैं. बताया जा रहा है कि घटना एक फार्महाउस में हुयी जो अकाली दल के एक नेता का है. इस मामले में पुलिस ने अकाली नेता शिवलाल डोडा और उनके...
More »मंशा नेक पर अभी तो मुमकिन नहीं - सुषमा रामचंद्रन
चार्ल्स डिकेंस के उपन्यास 'अ टेल ऑफ टू सिटीज" की मशहूर पंक्तियां हैं : 'वह सबसे बेहतरीन दौर था, लेकिन वह सबसे बदतर भी था।" दिल्ली सरकार के सम-विषम फॉर्मूले के परिप्रेक्ष्य में हम डिकेंस के इस संवाद को बदलकर यूं भी कर सकते हैं कि 'वह एक बेहतरीन विचार था, लेकिन वह बदतर भी था!" हां, यह जरूर है कि दिल्ली सरकार के इस निर्णय के बाद इस महानगर...
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