-डाउन टू अर्थ, दुनिया के करीब एक-तिहाई देशों में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जरूरी कानून नहीं हैं। वहीं जिन देशों में इस तरह के कानून मौजूद भी हैं, वहां इनमें और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों में काफी अंतर है। यह कानून काफी हद तक डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी गाइडलाइन्स से मेल नहीं खाते हैं। वहीं करीब 31 फीसदी देश ऐसे हैं जिनके पास इन वायु गुणवत्ता मानकों...
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सरकारी संपत्ति से कमाई करने का मोदी सरकार का फ़ैसला क्यों है विवादों में
-बीबीसी, गुजरात की राजधानी गांधीनगर के रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण और उसके ऊपर एक पाँच सितारा होटल. ये है भारत के रेलवे स्टेशनों के भविष्य की एक झलक. पिछले साल इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश के बड़े रेलवे स्टेशन हवाई अड्डों की तरह होने चाहिए. उन्होंने कहा था, "21वीं सदी के भारत की आवश्यकताओं को 20वीं सदी के तरीक़ों से पूरा नहीं...
More »रबी सीजन में डीएपी और कॉम्प्लेक्स उर्वरक कमी हुई तो जाने किसानों के पास क्या है विकल्प
-रूरल वॉइस, अंतरराष्ट्रीय बाजार में रासायनिक उर्वरको की कीमतो में तेजी का दौर चल रहा है क्योकि चीन ने घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरिया और डीएपी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है । इसके अलावा, बेलारूस पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध की वजह से निर्यात करने में असमर्थ है जिसके कारण ,ग्लोबल मार्केट में डीएपी के लिए जरुरी कच्चे माल जैसे फास्फोरिक एसिड और अमोनिया के...
More »तालिबानी सरकार देश चलाने के लिए चीन पर निर्भर!
-न्यूजलॉन्ड्री, तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि उनकी सरकार वित्तीय सहयोग के लिए मुख्य रूप से चीन पर निर्भर होगी और चीन की मदद से वे देश का आर्थिक पुनर्निर्माण करेंगे. उन्होंने चीन को अपना मुख्य सहयोगी बताते हुए यह भी कहा कि तालिबान चीन द्वारा निर्मित हो रहे नए सिल्क रूट (बेल्ट-रोड परियोजना) को बहुत सम्मान के साथ देखता है. मुजाहिद चीन को अफगानिस्तान के लिए वैश्विक...
More »नवीनतम पीएलएफएस डेटा, विभिन्न प्रकार के श्रमिकों के बीच अल्प-रोजगार और स्वपोषित रोजगार में अवैतनिक सहायकों पर प्रकाश डालता है
आम तौर पर, अर्थशास्त्री एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में एक विशेष अवधि में बेरोजगारी और काम से संबंधित अनिश्चितता की सीमा का आकलन करने के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) और बेरोजगारी दर (यूआर) जैसे संकेतकों का उल्लेख करते हैं. हालांकि, अन्य संकेतक भी हैं, जो रोजगार की स्थिति, आजीविका सुरक्षा और श्रमिकों की बदत्तर स्थिति को बेहतर तरीके से समझने में मदद कर सकते...
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