यह देखना आश्चर्यजनक लगता है कि ऐतिहासिक जनसमर्थन से सत्ता में आई मोदी सरकार कितनी तेजी से अपना आधार गंवाती जा रही है। महज 15 माह पहले मई 2014 में 31.5 प्रतिशत पॉपुलर वोट के साथ यह सरकार सत्ता में आई थी। इसके बावजूद कॉर्पोरेट जगत की कद्दावर हस्तियों, दक्षिणपंथी चिंतकों, स्तंभकारों, बुद्धिजीवियों, जिनमें से कइयों ने मोदी सरकार में भरोसा जताया था और गर्मजोशी से उसका स्वागत किया था,...
More »SEARCH RESULT
काम नहीं तो सांसदों को कैसा वेतन-भत्ता? - कुलदीप नैयर
करीब 12 साल पहले मैं राज्यसभा का सदस्य था। किसी न किसी मुद्दे को लेकर सदन के कामकाज में बाधा पैदा की जाती थी। छह साल के अपने कार्यकाल में मैंने देखा कि कांग्रेस और भाजपा, दोनों इसके लिए एक-दूसरे से होड़ लेती रहती थीं। उनके जोश या तरीके में कोई अंतर नहीं था। कई बार वे एक-दूसरे से आगे निकल जाने की कोशिश करती थीं। मुझे लगता था कि...
More »मुसलमानों को नागरिकता क्यों नहीं?- आकार पटेल
मैंने आप्रवासन (इमीग्रेशन) पर छपी एक खबर देखी, जिसके बाद मैं सोचने पर मजबूर हो गया कि सरकार जो कर रही है क्या उस पर उसने सोचा भी है. ‘द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘असम और पश्चिमोत्तर भारत के कुछ हिस्सों पर दूरगामी असर डालनेवाला एक कदम उठाते हुए, केंद्रीय गृह मंत्रालय नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन करेगा, जो धार्मिक उत्पीड़न की वजह से पाकिस्तान और बांग्लादेश से भाग...
More »दिल्ली में सरकारों का छाया-युद्ध- विकास नारायण राय
अगर विज्ञापनों के बूते संभव होता तो दिल्ली से अब तक भ्रष्टाचार का नामो-निशान मिट चुका होता और इस महानगर की स्त्रियां पूरी तरह सुरक्षित हो गई होतीं। इस संदर्भ में दिल्ली की केजरीवाल सरकार और पुलिस आयुक्त बस्सी का मीडिया धरातल पर चल रहा प्रतिस्पर्धात्मक अभियान जमीनी सच्चाई से कोसों दूर है। उनके तरकश से राजधानी के राजनीतिक छाया-युद्ध में चलाए जा रहे तीरों का संबंध परस्पर अविश्वास से...
More »जनगणना से मिलते संकेत- अरविन्द मोहन
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जिस तरह जनगणना के जातिवार आंकड़ों के बारे में तत्काल सफाई दी और उसे लगभग ठंडे बस्ते में डाल दिया, उसके पीछे बड़ा कारण बिहार विधानसभा का चुनाव था। अब बिहार में जातिवार जनगणना के आंकड़ों की मांग बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई है। कई लोग यह भी कहने लगे हैं कि जरूरी नहीं कि जातिवार आंकड़ों की मांग लालू-नीतीश की जोड़ी को फायदा पहुंचाए और...
More »