21 दिसंबर को छत्तीसगढ़ ने खाद्य सुरक्षा कानून पारित किया। यह क़ानून राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से बेहतर है, जो एक साल से अधिक समय से संसद में पड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा कानून के अनुसार, राज्य के 90% लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ता राशन मिलेगा। इनमे से अधिकतर लोग प्राथमिक या अन्त्योदय श्रेणी में होंगे और 35 किलो अनाज व 2 किलो दाल या चना...
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दहाई के करीब पहुंची खुदरा महंगाई की दर
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अगले हफ्ते पेश होने वाली मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में ब्याज दरों के घटने की संभावना फिर कम होती जा रही है। बुधवार को सरकार की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई की स्थिति में बहुत सुधार नहीं है। लगातार दूसरे महीने खुदरा महंगाई की दर में बढ़ोतरी हुई है। नवंबर में यह 9.90 फीसद रही है। इसलिए आसार यही...
More »पीडीएस में जारी कालाबाजारी को लेकर बीरपुर गांव(मध्यप्रदेश) में आंदोलन
मध्यप्रदेश के सतना जिले के बीरपुर गांव के 42 परिवार इस महीने की शुरुआत से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज देने के मामले में हो रही कालाबाजारी की तरफ ध्यान खींचने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनकारी परिवार के लोगों की मांग है कि सतना जिले के कलेक्टर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज के आबंटन में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करें और उन्हें अधिकार के अनुरुप सरकारी राशन...
More »महाराष्ट्र के आईसीडीएस में ठेकेदारों का भ्रष्टाचार: सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट
राजनीतिक रसूख वाले ठेकेदार महाराष्ट्र में किस तरह सामाजिक कल्याण की योजनाओं को चूना लगा रहे हैं, इसके बारे कोर्ट द्वारा नियुक्त आयुक्त(कमिश्नरस्) की एक टोली ने रिपोर्ट सौंपी है। अगले 23 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में इस रिपोर्ट पर सुनवाई होने वाली है।समेकित बाल विकास कार्यक्रम (आईसीडीएस) में ठेकेदारों का प्रवेश कानून वर्जित है। आईसीडीएस 8000 करोड़ का सरकारी कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य बाल-कुपोषण की गंभीर चुनौतियों से निपटना...
More »जलवायु संकट के बादल- अतुल कुमार सिंह
जनसत्ता 26 अक्टुबर, 2012: भारत समेत दुनिया के सामने दो सबसे अहम समस्याएं भुखमरी और जलवायु संकट हैं। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जिनसे न केवल मानवता के भविष्य बल्कि पूरे जीव-जगत और अंतत: दुनिया के अस्तित्व का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विश्व भर में इन मुद्दों पर खासी चर्चा और चिंताएं भी हैं। लेकिन इनसे निपटने के लिए जो उपाय सामने आ रहे हैं उनमें न तो मुकम्मलपन दिखता है और...
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