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सबके लिए पैसा है, पर किसानों के लिए नहीं - देविंदर शर्मा

मानसून खत्म हो चुका है। 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है और देश में फसल वाले ऐसे करीब 39 फीसद इलाके हैं, जहां बिलकुल सूखा है। उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन किसानों के लिए वित्तीय लाभों और ऋण भुगतानों में छूट की श्रंखला की घोषणा करेंगे। इसकी जगह रघुराम राजन ने पिछले हफ्ते व्यावसायिक बैंकों के उधार देने की ब्याज दरों में काफी कटौती करने वाली...

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भारत में हर साल बढ़ रही है बीफ की खपत

मल्‍टीमीडिया डेस्‍क। देश में गौमांस को लेकर जारी विवाद तथा राजनीति के बीच राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) के ताजा आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन आने वाले एनएसएसओ के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बीफ की खपत लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट कहती है कि भारत के ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में बीफ को प्रोटीन के प्रमुख स्रोत के रूप में...

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पेमेंट बैंकों से ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग का विस्तार होगाः वर्ल्ड बैंक

वाशिंगटन (एजेंसी)। देश में 11 नए भुगतान बैंकों के चालू होने से ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार होने की उम्मीद है।   वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई के इस निर्णय से ग्रामीण इलाकों में रेमिटेंस (बाहर से पैसे भेजना) की बेहतर सुविधा मुहैया कराने में मदद मिल सकती है। पमेंट बैंक उन बाजारों के छोटे बचतकर्ताओं (मुख्यतः ग्रामीण इलाके) के लिए होंगे जहां बैंकिंग सेवाओं की बहुत कमी...

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एफआईआर से आरटीआई तक ग्राम्‍य जनजीवन - गोपालकृष्‍ण गांधी

अंग्रेजी के कुछ शब्द (या शब्दों के संक्षिप्त रूप) ऐसे हैं, जो भारत के दूर-देहात तक जड़ें जमा चुके हैं। यहां मैं डीएम, एसपी, बीडीओ जैसे अफसरों के पदों का उल्लेख नहीं कर रहा। ना ही मैं बस, ट्रेन, साइकिल जैसे सर्वसुलभ शब्दों की बात कर रहा हूं। मैं ऐसे शब्दों की बात कर रहा हूं, जो हमें आज के भारत के बारे में कुछ बताते हैं। इन्हीं में से...

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गरीबी का फंदा तोड़ने के वास्ते-- प्रमोद जोशी

आर्थिक विकास, व्यक्तिगत उपभोग और गरीबी उन्मूलन के बीच क्या कोई सूत्र है? यह इक्कीसवीं सदी के अर्थशास्त्रियों के सामने महत्वपूर्ण सैद्धांतिक प्रश्न है. पिछले डेढ़-दो सौ साल में दुनिया की समृद्धि बढ़ी, पर असमानता कम नहीं हुई, बल्कि बढ़ी. ऐसा क्यों हुआ और रास्ता क्या है?  इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार प्रिंसटन विश्वविद्यालय के माइक्रोइकोनॉमिस्ट प्रोफेसर एंगस डीटन को देने की घोषणा की गयी है. वे लंबे अरसे...

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