रांची। यदि सरकार का सपना पूरा हुआ तो सूबे के युवा अब बेरोजगार नहीं रहेंगे। पढ़ाई पूरी होते ही उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर रोजगार मिल जाएगा। शिक्षा, विज्ञान-प्रावैधिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, आईटी, कल्याण, शहरी व ग्रामीण विकास विभागों के समवेत प्रयास से ऐसा होगा। दरअसल, युवाओं को स्किल्ड करने के लिए 'कौशल विकास मिशन' का गठन करने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रपति शासन के अंतिम दिनों में इसपर परामर्शी समिति की स्वीकृति भी मिल...
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सरकारी अस्पतालों को हुआ ‘स्वाइन फ्लू’
लुधियाना. स्वाइन फ्लू ने जता दिया है कि आम मरीज का सरकारी अस्पतालों पर कितना विश्वास है। थोड़ा बहुत खर्च करने की हैसियत रखने वाला पीड़ित भी अस्पताल में दाखिल होने को राजी नहीं। ऐसा डेंगू सीजन में भी हुआ था। तब फ्री इलाज व टेस्ट का ऐलान भी मरीजों को सरकारी अस्पताल तक नहीं खींच पाया था। अब स्वाइन फ्लू फैलने पर सरकार मरीजों को आकर्षित करने के लिए सिविल अस्पताल में संदिग्ध मरीजों के...
More »उप्रः करोड़पति बाबुओं की फौज
लखनऊ. कम तनख्वाह के बावजूद उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यालयों के कई बाबू करोड़पति हैं। कुछ प्रापर्टी डीलिंग का काम करते हैं तो एक के पास बसों का काफिला है। वह ट्रेवल एजेन्सी का काम भी कर रहा है। एक तो कोल्ड स्टोरेज का मालिक है। मलाईदार विभाग में नहीं होने के बावजूद कुछ तो पैसा पैदा करने की मशीन बन गए हैं। एक ने प्रधानाचार्य से मिलकर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्नों की छात्नवृत्ति में करोड़ों रुपए...
More »एक मादा एनोफिलिस मच्छर सब पर भारी
दुमका। दावा पर दावा.। पर एक मादा एनोफिलिस मच्छर छह फीट के खालिस जवान को मौत की नींद सुला रही है. या फिर खाट तक पहुंचा रही है। सरकारी आंकड़े में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि ब्रेन मलेरिया से होने की है लेकिन यह आंकड़ा आधा दर्जन से ऊपर पहुंच चुका है। आतंक ऐसी कि इसके गिरफ्त में आने वालों की संख्या में रोज इजाफा हो रहा है। दरअसल स्वास्थ्य महकमा...
More »ग्रामीण भारत में गरीबों की तादाद आधिकारिक आकलन से ज्यादा
यह बात अब आधिकारिक सूचना में आ चुकी है कि भारत में गरीबी पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा है। इस माह की 9 तारीख को सौंपी गई सुरेश तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गरीबी 37 फीसदी(2004-05) है ना कि 28 फीसदी, जैसा कि पहले के आकलनों में माना जाता रहा है।यदि तेंदुलकर समिति के आकलन में खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई मौजूदा बढ़ोतरी को जोड़ दें...
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