अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संपूर्ण विश्व के राष्ट्राध्यक्ष, सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि और विकास के मुद्दों से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधी 20 से 22 जून 2012 को ब्राजील की राजधानी रियो दी जेनेरियो में एकत्रित होने जा रहे हैं। इस महासम्मेलन को रियो+20 का नाम दिया है क्योंकि 20 वर्ष पूर्व (1992) भी रियो में 172 सरकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पर्यावरण और विकास के...
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मुंह फेरता मॉनसून खतरे की घंटी ।। कमलेश कुमार सिंह ।।
नयी दिल्ली : वैश्विक और घरेलू मोर्चो पर आर्थिक संकट की इस घड़ी में मॉनसून से राहत की उम्मीदें थीं, लेकिन मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी इस उम्मीद पर भी पानी फेरती नजर आ रही है. मौसम विभाग, पुणे का कहना है कि देश को इस बार बीते 30 सालों के सबसे खराब मॉनसून का सामना करना पड़ सकता है. जानकार इसे अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं. कृषि...
More »भ्रष्टाचार की गंगा का मुहाना बंद करना होगा- पी साईनाथ (अनुवाद मनीष शांडिल्य)
मनमोहनॉमिक्स के करीब 20 साल पूरे हो रहे हैं, अतः उस कोरस को याद करना बहुत वाजिब होगा, जिसका राग मुखर वर्ग पहले तो खूब गर्व से और फिर खुद को दिलासा देने के लिए अलापता रहा हैः 'आप चाहे जो भी कहें, हमारे पास डॉ मनमोहन सिंह के रूप में सबसे ईमानदार आदमी हैं. उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला जा सकता'. लेकिन ऐसा अब कम सुनने को...
More »बुजुर्गों के लिए इज्जत की जिन्दगी -आईए, एक अभियान का हिस्सा बनें
बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...
More »भारत में रोजगारहीन आर्थिक वृद्धि - आईएलओ की नई रिपोर्ट
जिस भारतीय अर्थव्यवस्था के बूते दक्षिण एशिया में साल 2010 तक आर्थिक-वृद्धि की रफ्तार 9 फीसदी से ज्यादा की रही और अब यानी साल 2011-12 में 7 फीसदी पर जा पहुंची है, उसके बारे में सबसे ज्यादा गौर करने लायक तथ्य क्या है ? अंतर्राष्ट्रीय श्रम-संगठन की नई रिपोर्ट ग्लोबल एम्पलॉयमेंट ट्रेन्डस् का कहना है कि बढ़ोत्तरी का यह कमाल श्रम की उत्पादकता में बढ़वार का नतीजा था ना कि...
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