योजना आयोग की जगह लेने वाले नीति आयोग को राज्यों के लिए एक नॉलेज हब माना जा रहा है। बतौर थिंक टैंक इसकी क्या भूमिका होनी चाहिए इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय ने जनता से भी सुझाव मांगे थे। अब तक के इतिहास पर नजर डालें तो हम पाएंगे कि योजना आयोग राज्यों में हो रहे बेहतरीन कार्यक्रम व योजनाएं के संग्रह और इन्हें देश के दूसरे इलाकों में सफलतापूर्वक...
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‘मेक इन इंडिया’ से ज्यादा जरूरी है मेक फॉर इंडिया
उद्योग जगत और बाजार को बजट से अनेक अपेक्षाएं हैं. आर्थिक सुधारों को तेज करने, देश के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ाने और निवेश में वृद्धि के सरकार के वादों और इरादों की प्रस्तुति बजट में हो सकती है. सरकार के सामने अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करने, रोजगार बढ़ाने और व्यापार घाटा कम करने की चुनौतियां हैं. सरकार द्वारा अब तक उठाये गये कदमों और संभावित तथा वांछित पहलों पर जानकारों की...
More »भाषाई मानवाधिकार का मसला - लाल्टू
मराठी साहित्य में अपने योगदान के लिए इस साल ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले भालचंद्र नेमाड़े ने कहा है कि अंगरेजी की वजह से भारतीय भाषाएं खत्म हो रही हैं। वे इससे भी आगे बढ़ कर यहां तक कह गए हैं कि हमें अंगरेजी को हटाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। सलमान रुश्दी और सर विदिया नायपॉल का जिक्र करते हुए नेमाड़े ने कहा कि भारतीय भाषाओं में जो लिखा...
More »विकास दर और जीवन स्तर- एम के वेणु
जग सरकार का पहला पूर्ण बजट गंभीर वैश्विक मंदी की पृष्ठभूमि में तैयार किया जा रहा है। यूरोजोन की डगमगाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बृहस्पतिवार को ही यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने 13 खरब डॉलर के आपूर्ति कार्यक्रम की घोषणा की है। जापान की अर्थव्यवस्था भी लुढ़क रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई का योगदान करने वाली चीन की अर्थव्यवस्था भी खास्ता है। ब्रिक्स समेत तमाम उभरती अर्थव्यवस्थाएं,...
More »फिर से भारत उदय- सुनील भारती मित्तल
भारत में उम्मीद की एक ताजा हवा बह रही है। नई सरकार, जिसे देश ने निर्णायक जनादेश दिया, तेजी से देश के विकास एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। पिछले बारह महीनों में घटनाक्रम में जो बदलाव आया है, उसने राष्ट्रीय मानस का निर्माण किया है। जो वैश्विक निवेशक पहले भारत के बारे में सवाल उठा रहे थे, वे अब देश में विकास संभावनाओं में सुधार की बातें कर रहे...
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