उत्तर कर्नाटक के नारायण, झारखंड के रूपलाल मरांडी, बरेली की सफीना अशफाक और ओड़ीशा के कुंदरु नाग के बीच क्या समानता हो सकती है ? शायद, कोई नहीं- सिवाय इसके कि ये सभी समाज के वंचित वर्ग के हैं और इन सबकी मौत पिछले एक साल के दौरान भुखमरी के कारण हुई तथा इन सभी को एक ना एक कारण से पीडीएस से अनाज नहीं मिल सका.(पिछले एक साल के...
More »SEARCH RESULT
अब 50 साल से ज्यादा की अविवाहित महिलाओं को मिलेगी पेंशन
वैभव श्रीधर, भोपाल। कल्याणी (विधवा), परित्यक्ता, निराश्रित और बुजुर्ग महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा देने के बाद अब सरकार 50 से ज्यादा उम्र की अविवाहित महिलाओं को पेंशन देगी। इसके दायरे में 75 हजार से ज्यादा महिलाएं आएंगी। इन्हें 300 रुपए महीना पेंशन दी जाएगी। योजना लागू करने सामाजिक न्याय विभाग ने बाकायदा प्रस्ताव तैयार करके वित्त विभाग की राय लेने के लिए भेजा है। प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए...
More »लैंगिक भेदभाव से मर जाती हैं सालाना सवा दो लाख से ज्यादा बेटियां- नई रिपोर्ट
बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ के नारे वाले भारत में अनुमान लगाइए कि सिर्फ लैंगिक भेदभाव के कारण सालाना कितनी बच्चियों की जान जाती है ? सिर्फ लड़की होने के कारण जिनसे बड़े चुप्पे ढंग से जिंदगी छीन ली जाती है उनकी तादाद हजार-दस हजार तक सीमित नहीं बल्कि ये आंकड़ा आगे बढ़कर लाखों तक पहुंचता है. प्रतिष्ठित जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक भारत में हर साल लैंगिक भेदभाव के कारण...
More »झारखंड : मिलने थे 11000 विधवाओं को आवास, दो साल में बने मात्र 69
रांची : राज्य के ग्रामीण इलाकों में डॉ भीम राव आंबेडकर आवास योजना के तहत दो साल में एक प्रतिशत विधवाअों को भी आवास नहीं दिया जा सका है. आंकड़ों के मुताबिक, राज्य भर में विधवाओं को इस योजना के तहत 11000 आवास देने थे. पर दो साल में उनके लिए मात्र 69 आवास ही बन सके हैं. इस तरह योजना की प्रगति मात्र 0.62 फीसदी ही...
More »क्या है ‘इंटरनेट साथी’ जिसकी पहुंच 1.5 करोड़ महिलाओं तक हो गई है
ग्रामीण भारत में डिजिटल लैंगिक विभाजन और 1.5 करोड़ महिलाओं को सशक्त बनाने के बाद गूगल का इंटरनेट साथी कार्यक्रम चार नए राज्यों में विस्तार के लिए तैयार है. टाटा ट्रस्ट के साथ 2015 में एक पॉयलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया ‘इंटरनेट साथी' का ध्यान इंटरनेट इस्तेमाल के लिए महिलाओं को शिक्षित करना है. ये महिलाएं इसके बाद अपने समुदाय की दूसरी महिलाओं व आसपास के गांवों...
More »