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2031 तक 60 करोड़ हो जाएगी शहरी आबादी

संयुक्त राष्ट्र। भारत, शहरी क्रांति की कगार पर पहुंच चुका है। संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2031 तक देश की शहरी आबादी 60 करोड़ होने का अनुमान है। अर्थव्यवस्था और वातावरण पर केंद्रित वैश्विक आयोग की नई रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो दशकों में भारत की आबादी 21 करोड़ 70 लाख से बढ़कर 37 करोड़ 70 लाख हो चुकी है, जो 2031 तक साठ करोड़ हो जाएगी,...

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वृद्ध माता-पिता की अनदेखी करने पर देना होगा 10 हजार तक गुजारा भत्ता

रांची: झारखंड मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण नियमावली, 2014 को स्वीकृति दे दी. इसके तहत अब वृद्ध माता-पिता की देखभाल करना अनिवार्य होगा. नहीं करनेवालों से सरकार अधिकतम 10 हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा-भत्ता दिलवायेगी. इसके लिए पीड़ित माता-पिता कोट्रिब्यूनल में आवेदन देना होगा, जिसका गठन जल्द होगा. राज्य सरकार इस नियम को प्रभावी बनाने के लिए एक समिति भी गठित करेगी. समाज...

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शिक्षा को नवोन्मेषी बनाने की चुनौती- गिरीश्वर मिश्र

आधुनिक भारत में विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षा का आरंभ हुए एक शताब्दी से अधिक का समय बीत चुका है। स्वतंत्रता मिलने के बाद इसे प्रोत्साहन मिला और धीरे-धीरे सरकार द्वारा विश्वविद्यालय, कॉलेज और विभिन्न प्रकार के ‘प्रोफेशनल' शिक्षा देने वाले तकनीकी, मेडिकल और प्रबंधन के संस्थान खुलते चले गए। शुरू में ब्रिटेन और बाद में अमेरिका से उधार लिए गए एक बंधे-बधाए सांचे में शिक्षा का विस्तार होता गया। उधारी...

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डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य

बीते 20 अगस्त को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में महत्वाकांक्षी ‘डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम को मंजूरी दी गयी. सरकार ने कहा है कि यह कार्यक्रम भारत को डिजिटल सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए निर्धारित किया गया है. डिजिटल इंडिया की प्रकृति रूपांतरकारी है व इससे सुनिश्चित होगा कि सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध हों. आज के नॉलेज में पेश है...

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बेलगाम महंगाई के पोषक- विकास नारायण राय

जनसत्ता 22 अगस्त, 2014 : वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार आम लोगों के लिए बवालेजान बनी महंगाई का सीधा संबंध बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से है। भारतीय शासकों का यह जाना-माना तर्क रहा है, जो जनता को बरगलाने वाले अगले पाखंड की जमीन भी तैयार करता है। शासकों का अगला तर्क होता है कि आम लोगों की जरूरत की चीजों की आपूर्ति जमाखोरों ने रोक रखी है और...

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