भोपाल. मप्र में बाघों की गणना को लेकर मार्च 2011 के नतीजों में एक और बेहद चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। उन क्षेत्रों में बाघ घट गए, जहां इन्हें बचाने के लिए ज्यादा राशि खर्च की गई और सुरक्षा के भी चाक चौबंद इंतजाम किए गए,लेकिन उन खुले क्षेत्रों में बाघ बढ़ गए जहां इनकी देखभाल तक करने वाला कोई नहीं था। बीते चार वर्षो में प्रदेश के टाइगर रिजर्व...
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गतिरोध कायम, हजारे नहीं चाहते अध्यक्ष पद
नई दिल्ली। लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर संयुक्त समिति गठित करने की माग कर रहे भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं और सरकार के बीच गुरुवार को दो दौर की वार्ता बेनतीजा रही। दोनों पक्षों के बीच जहा गतिरोध बरकरार है, वहीं आमरण अनशन पर बैठे अण्णा हजारे ने इस बात से इंकार किया है कि उन्हें संयुक्त समिति का अध्यक्ष पद चाहिए। गाधीवादी विचारक हजारे का आमरण अनशन आज तीसरे दिन...
More »बिजली बचाओ डॉलर कमाओ : कुलदीप सिंह सिंगोर
भोपाल। प्रदेश के 14 नगर निगमों में जल्द ही बिजली की बचत करने के लिए नया प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इससे निगमों को करीब 25 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की बचत होगी। इससे बिजली बचाने के एवज में वे विदेशों से कार्बन का व्यापार भी कर सकेंगे, जिससे उन्हें डॉलर के रूप में अतिरिक्त आमदनी भी होगी। दरअसल, क्योटो प्रोटोकॉल के तहत वर्ष 2005 में हुए समझौते के मुताबिक भारत में किसी प्रोजेक्ट...
More »खेती में गांधीवाद से मिल रही दोगुनी उपज
छतरपुर. हाल ही की सर्दियों में पाला और तुषार से बुंदेलखंड के किसानों की फसलें तबाह हो रही थीं, पर गांधी आश्रम के खेतों में लगी दलहनी फसलें दोगुनी उर्वरता के साथ लहलहा रही थीं। पिछले साल भी क्षेत्र में सूखे के बीच इस आश्रम में भरपूर फसल थी। यह चमत्कार है गांधीवादी ढंग से की गई जैविक खेती का, जिसके अध्ययन के लिए देश-विदेश के दर्जनों कृषि विशेषज्ञ, विदेशी शोधार्थी...
More »आरटीआई कानून- हंगामा है क्यों बरपा ?
जो कभी इसके पैरोकार थे वही सूचना का अधिकार अधिनियम के कानूनी शक्ल लेने के पाँच साल बाद इतने चिन्तित क्यों है ? किस लिए एक बार फिर से इस मुद्दे पर धरना, रैली, सम्मेलन और भूख-हड़ताल की बाढ़ सी आई हुई है ? इसकी एक वजह तो यही है कि सूचना का अधिकार कानून से जिस मौन क्रांति का चक्का चल पडा है, उसकी गति को निहित स्वार्थवश किए...
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