-डाउन टू अर्थ, कोरोना संक्रमण की दूसरी घातक लहर के बीच मरीजों के सामने वेंटिलेटर की मांग तेजी से बढ़ी है। दिल्ली में बिगड़ते हालात के कारण हरियाणा के अस्पतालों में देखने को मिल रहा है। हालांकि हरियाणा सरकार का दावा है कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में बेड और आईसीयू वेंटिलेटर हैं, लेकिन प्रदेश में हर रोज सात हजार से अधिक नए केस मिलने और दिल्ली में बेड नहीं...
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नई ILO रिपोर्ट: टेक्नोलॉजी आधारित नए डिजिटल श्रम प्लेटफार्म श्रमिकों के अधिकारों की अनदेखी कर रहे हैं!
वेबआधारित और प्लेटफॉर्म श्रमिकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं हम में से हर एक के जीवन को प्रभावित करती हैं, लेकिन श्रम क्षेत्र को बदलने में डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों की भूमिका के बारे में ऐसी जानकारियां बहुत कम है. ऐसे डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों ने श्रमिकों, व्यवसायों और समाज के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा किए हैं. हालांकि, ये डिजिटल प्लेटफॉर्म उचित काम और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए गंभीर खतरे भी पैदा...
More »गलत जेंडर पहचान, यौन हिंसा और उत्पीड़न: भारतीय जेलों में ट्रांसजेंडर होने की नियति
-द वायर, ए-4 आकार की एक नोटबुक नागपुर सेंट्रल जेल में किरण गवली द्वारा गुजारे गए 17 महीनों की गवाही देती है. किरण बगैर नागा किए हर दिन थोड़ा समय निकालकर दिन भर की घटनाओं का ब्यौरा लिखा करती थीं- नई बनाई गई दोस्तियों, वेदना, अकेलेपन और कभी -कभी दिल टूटने के बारे में. किसी-किसी दिन शब्द कविता की तरह बहकर आया करते थे, दूसरे दिनों में सिर्फ गुस्से से भरी कच्ची-पक्की...
More »कृषि क़ानून और खाद्य सुरक्षा
-न्यूजक्लिक, मोदी सरकार ने जो तीन कृषि कानून हड़बड़ी में संसद से पारित करवाए हैं, वे किसान उत्पादकों को सीधे कॉर्पोरेट खरीदारों का सामना करने के लिए छोड़ देते हैं, और तो और उनके बीच राज्य का कोई हस्तक्षेप ही नहीं रहेगा। सरकार का दावा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था के रूप में उसका हस्तक्षेप तो फिर भी बना रहेगा। लेकिन, यह मानने वाली बात नहीं है। अगर एमएसपी की...
More »लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीयकरण का मिथक
-न्यूजक्लिक, जब कभी भी लोकतंत्र का अपने घर में घेराव होता है, लोकतंत्र के हिमायती, उससे प्रेम करने वाले लोग नैतिक समर्थन पाने के लिए अपनी परिधि के पार देखने लगते हैं। अभी-अभी विश्व सूचकांक में स्वतंत्रता की एक रिपोर्ट जारी हुई है, और इसलिए कोई हैरत नहीं कि इसने भारत में लोकतंत्र को चाहने वाले सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह विश्व सूचकांक अमेरिका की 80...
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