रांची। राजधानी समेत पूरे राज्य में इलाज कराने वाले मरीज 10 रुपए की दवा 60 रुपए में खरीदने को विवश हैं। एक ही रोग के निवारण के लिए बाजार में बिकनेवाली दवाओं की कीमतों में जमीन-आसमान का फर्क है। केंद्र सरकार ने आम इस्तेमाल में आने वाली 68 दवाओं की कीमत तय कर रखी है, लेकिन दवा निर्माता कंपनियां नियमों को नहीं मानती हैं। जिन दवाओं की कीमत 10 रुपए तय की...
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आखिर भोपाल को कब मिलेगी इस जहर से मुक्ति?
भोपाल। यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का निपटान करने से जर्मन कंपनी के इनकार के बाद सरकार की उम्मीदें टूट गई हैं। जहरीला कचरा कारखाने के वेयर हाउस में रखा है। यह पहला मौका नहीं है, जब सरकार को कचरा निपटान के मामले में झटका लगा हो। इससे पहले भी तीन मर्तबा कचरे के खात्मे के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। अब सरकार के...
More »त्रासदी की नींव पर घटती त्रासदी
भोपाल के यूनियन कार्बाइड परिसर में दबाए गए जहरीले कचरे नेआस-पास के भूजल को मानक स्तर से 561 गुना ज्यादा प्रदूषित कर दिया है. शिरीष खरे की रिपोर्ट. सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख और लंदन ओलंपिक में भोपाल गैस कांड के मुख्य आरोपित डाउ केमिकल्स कॉरपोरेशन को शीर्ष प्रायोजक बनाने से उठे विरोध के बीच आखिरकार केंद्र सरकार ने यूनियन कार्बाइड कारखाने की चारदीवारी में रखे 340 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को जलाने के...
More »शहरीकरण खा गया छह हजार हेक्टेयर लहलहाती जमीन
जालंधर. जितनी तेजी से खेती की जमीन में कालोनियां काटी जा रही हैं, उनमें उतनी तेजी से घर नहीं बन रहे। वजह, लोग रहने के लिए नहीं, बल्कि निवेश के लिए प्लाट खरीद रहे हैं। ऐसे में खेती की जमीन लगातार कम हो रही है। पिछले सात वर्षो में जालंधर में शहरीकरण के नीचे का रकबा 24 फीसदी बढ़ गया है। लगातार कम हो रही खेती की जमीन को लेकर खेतीबाड़ी...
More »हुण कोई उम्मीद नहीं बचीः 100 घंटे बीते, 62 बचाए,13 शव निकाले
जालंधर. शीतल फाइबर्स के मलबे में क्या कोई नहीं बचा है? बचाव दल एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स) ने जीवित लोगों की तलाश खत्म करने के साथ ही इसके पिलरों पर लिख दिया है - नो विकटिम लाइव। यानी अब कोई मजदूर नहीं बचा है। फोर्स ने वीरवार की रात नया ऑपरेशन शुरू किया। यह काम है शवों की निशानदेही करना। वैसे चमत्कार की आस खत्म नहीं हुई है। जीवित लोगों की...
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