तुलाराम भोई, महासमुंद। सरकारी स्कूलों से बच्चों को निकालकर कान्वेंट स्कूलों में भर्ती कराना आम बात है लेकिन यदि हम आपसे कहें कि एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है जहां निजी स्कूल छोड़कर बच्चे पढ़ रहे हैं तो आपको शायद यकीन नहीं होगा। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिला अंतर्गत पिथौरा ब्लॉक स्थित भैरोपुर गांव में है यह प्राथमिक शाला। यह कमाल और कोई नहीं, यहां के एक शिक्षक भोजराज प्रधान ने किया...
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गंभीर होते खेती व रोजगार के सवाल - प्रदीप सिंह
लोकसभा चुनाव अभी सवा साल दूर हैं। इसे यों भी कह सकते हैं कि लोकसभा चुनाव में बस 16 महीने रह गए हैं। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। 2014 के लोकसभा चुनाव और 2019 के चुनाव में एक बड़ा फर्क होगा। तब कांग्रेस सत्ता में थी और उससे सवाल पूछे जा रहे थे। आज भाजपा सत्ता में है और उससे जवाब मांगा...
More »किसानों के साथ 6 माह बिताए, अब खेती को ही करियर बनाएंगे 70 विद्यार्थी
जबलपुर। खेतों में खाद, पानी, जुताई, बुआई और कीटनाशक के छिड़काव के काम में 70 विद्यार्थी ऐसे रमे कि अब उन्होंने खेती में ही करियर बनाने का मन बना लिया है। जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि ने 385 छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के बाद खेतों में काम करने भेजा तो उन्होंने न सिर्फ परंपरागत खेती सीखी बल्कि किसानों को ग्रीन हाउस, पॉली हाउस, मिट्टी परीक्षण, प्रसंस्करण के उन्नात तरीके भी बताए। छात्राओं...
More »मक्के की खेती और पर्यावरण-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
बिहार के गांवों में मक्के की फसल लहलहा रही है. मेरा एक मित्र विदेश में रहता है, वह इस हरियाली को देखकर अभिभूत हो गया. यह सच है कि आप यदि इस समय बिहार के गांवों में जायें, तो मक्के की खेती देखकर अापका मन भी प्रसन्न हो जायेगा. खासकर बिहार के सबसे गरीब जिले, जैसे- कटिहार, पूर्णिया, किसनगंज, अररिया, आदि में भी हाल के दिनों में मक्का रखने के...
More »सड़कों पर हादसों के सबब --- श्रीश्चंद्र मिश्र
देश में सड़कों पर चलना कितना खतरनाक हो गया है इसका आभास सिर्फ इन आंकड़ों से हो जाता है कि पिछले साल देश में रोज औसतन 410 लोग सड़क हादसों में मारे गए। 2015 में यह आंकड़ा करीब चार सौ था। हादसों का कारण चाहे बेलगाम रफ्तार हो या सड़कों की दुर्दशा, 2014 में हर एक घंटे में औसतन सोलह लोगों को सड़क हादसों में जान गंवानी पड़ी। इस अरसे...
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