मुंबई। केंद्र सरकार ने दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण के उन अधिकारों को वापस ले लिया है, जिनके तहत वह ऐसी दवाओं की कीमतें निर्धारित कर सकता था जिन्हें आवश्यक नहीं समझा जाता। इस वर्ष जुलाई में प्राधिकरण ने 100 से ज्यादा दवाओं की कीमतें सीमित करने का निर्णय लिया था। दवा उद्योग ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया था। माना जा रहा है कि इसी के बाद सरकार ने यह...
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खेती की सुध कौन लेगा- धर्मेन्द्रपाल सिंह
जनसत्ता 1 अगस्त, 2014 : मौसम विभाग दावा कर रहा है कि वर्षा सामान्य से केवल दस प्रतिशत कम रहेगी। लेकिन बुआई का कीमती समय निकल जाने की भरपाई कैसे होगी, इसका जवाब उसके पास नहीं है। कृषि मंत्रालय ने एक जून से सत्रह जुलाई के बीच देश भर में धान, दलहन, सोयाबीन, कपास, मूंगफली आदि की बुआई का जो रकबा जारी किया है उसे देख कर लगता है कि इस...
More »समग्र स्वास्थ्य नीति के आधार- रितुप्रिया
जनसत्ता 17 जून, 2014 : दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट गहरा रहा है। पिछले डेढ़ सौ सालों में बनीं यूरोप और उत्तरी अमेरिका की सेवाएं उनके लिए भी अत्यधिक महंगी और एकांगी साबित हो रही हैं। मकिंजी कंपनी ने अनुमान लगाया था कि अगर स्वास्थ्य-सेवाओं पर खर्च ऐसे ही बढ़ता रहा तो 2100 में अमेरिका को अपनी सकल आय का सत्तानबे फीसद और यूरोप को साठ फीसद स्वास्थ्य...
More »'सफेद सोना" बनता जा रहा है दूध - धर्मेंद्रपाल सिंह
भोपाल को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन ने सांची दूध के दाम दो रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए। इससे पहले मदर डेयरी और अमूल दूध के दाम बढ़ाए गए थे। चार महीने के भीतर दूध के दाम दूसरी बार बढ़े हैं। सबसे पहले गुजरात को-ऑपरेटिव दूध विपणन महासंघ ने अमूल दूध का भाव दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाने की घोषणा की थी। देश की इस सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव की देखा-देखी अन्य दूध उत्पादकों...
More »जल्द मिलेंगी सस्ती दवाएं
संवाद सहयोगी, उत्तारकाशी : निर्वाचन आयोग की स्वीकृति मिली तो जल्द ही जिला अस्पताल में ही लोगों को बाजार दामों से पांच से दस गुना सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। जिला अस्पताल उत्तारकाशी में जेनेरिक दवा केंद्र खोलने की कवायद शुरू हो गई थी। इस केंद्र के खुलने के बाद भी उत्तारकाशी जिला अस्पताल राज्य के चुनिंदा स्वास्थ्य केंद्रों में श्रेणी में शामिल हो जाएगा जहां जेनेरिक दवाएं उपलब्ध होती...
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