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कृष्णा का गोदावरी से आज होगा मिलन- मिथिलेश झा

नदियों के तट पर सभ्यताएं तो विकसित होती ही हैं, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था वहां की नदी और उसमें उपलब्ध के उचित प्रबंधन पर ही निर्भर होती है. खासकर भारत जैसे देश में जब मॉनसून दगा दे जाये, तो नदियों और नहरों का पानी ही किसानों का सहारा होता है. प्रकृति ने भारत को विशाल नदियों की नेमत बख्शी है. इसमें बड़ी से छोटी नदियां तक शामिल हैं. कई...

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केन्द्रीय कृषि मंत्री को मंत्री पद से हटाने सौंपा ज्ञापन

रायसेन (ब्यूरो)। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन द्वारा किसानों की आत्महत्या पर दिए गए बयान से किसानों में आक्रोश है। मंगलवार को किसान जागृति संगठन ने राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर कृषि मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। संगठन ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम के निधन के कारण कृषि मंत्री के पुतला दहन कार्यक्रम को निरस्त कर दिया है। किसान जागृति संगठन के तत्वावधान में मंगलवार को...

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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में- रविभूषण

मुक्तिबोध और फैज जैसे कवियों ने जब ‘अभिव्यक्ति के खतरे उठाने' और ‘बोल कि लब आजाद हैं तेरे' का आह्वान किया था, वे राज्यसत्ता के चरित्र और उसके द्वारा समय-समय पर लगायी गयी पाबंदियों से भली भांति परिचित थे. मुक्तिबोध ने तो नहीं, पर फैज ने राज्यसत्ता के दमन को ङोला भी था. अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने का काम सर्वसत्तात्मक और एकदलीय शासन प्रणाली मनमाने ढंग से करती...

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उत्तर प्रदेश : स्वाइन फ्लू का संक्रमण बढ़ा, मरीजों की संख्या 102 हुई

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वाइन फ्लू का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है और पिछले 24 घंटे के दौरान 14 नये मरीजों की पुष्टि के साथ ही यहां स्वाइन फ्लू से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 102 हो गयी है. शाहजहांपुर की जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गयी हैं. उन्हें बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बरेली मंडल के...

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समाज और राजनीति के रिश्तों का संधान- अभय कुमार दुबे

राजनीतिशास्त्र के सर्वश्रेष्ठ विद्वान रजनी कोठारी के जीवन और कृतित्व के बारे में जाने बिना भारतीय राजनीति और समाज के आपसी रिश्तों के बारे जानना नामुमकिन है. इस लिहाज से उनका विमर्श भारतीय राजनीति की एक पूरी किताब की तरह है, जिसे पढ़ना हर समझदार व्यक्ति के लिए अनिवार्य है. 1969 में प्रकाशित अपनी सबसे मशहूर रचना ‘पॉलिटिक्स इन इंडिया' में उन्होंने दावा किया था कि भारतीय समाज के संदर्भ...

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