भारत में लोगों को आपदा से बचाना या तत्काल राहत पहुंचाना किसकी जिम्मेदारी है? पिछले पांच दशक से सरकार भी इस यक्ष प्रश्न से जूझ रही है। दरअसल, आपदा प्रबंधन तंत्र की सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोगों को कुदरती कहर से बचाने की जिम्मेदारी कई महकमों पर है। जब लोग बाढ़ में डूब रहे होते हैं, भूकंप के मलबे में दब कर छटपटाते हैं या फिर ताकतवर तूफान...
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क्या जरूरी है कि नींद झटके से ही खुले? - गोपालकृष्ण गांधी
मैंने कक्षा में सिंधु घाटी सभ्यता पर लेक्चर खत्म किया ही था और सोच रहा था कि क्या मुझे अगली क्लास में सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के कारणों (जिनमें भूकंप भी शामिल है) पर बात करनी चाहिए कि तभी मेरी कुर्सी, डेस्क, लैपटॉप सभी डगमगाने लगे। वास्तव में, ऐसा लग रहा था, जैसे पूरी दुनिया ही डोल रही हो। चंद मिनटों बाद मैंने इस भूकंप के बारे में और...
More »डॉक्टरों, शिक्षकों को अब मुखिया देंगे छुट्टी
रांची : सरकार ने स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के अधिकारों को पंचायती राज संस्थाओं को देने फैसला किया़ इसके तहत अब मुखिया प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और डॉक्टरों को आकस्मिक अवकाश (सीएल) देेंगे़ मुखिया के माध्यम से ही उपस्थिति का विवरण भेजे जाने पर प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और डॉक्टरों के वेतन का भुगतान होगा़ बुधवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया़. अब ग्राम...
More »प्राइवेसी के प्रश्न पर अटका ‘आधार--’ विराग गुप्ता
सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त को पारित आदेश से आधार को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अनिवार्य बनाने से इनकार कर दिया है। केंद्र द्वारा 1954 के पुराने निर्णय पर जोर देने से निजता के अधिकार की व्यापक समीक्षा के लिए मामले को नौ न्यायाधीशों की संविधान खंडपीठ को भेजने का निर्णय भी आया। इसके पूर्व 24 मार्च 2014 के एक अन्य आदेश से सर्वोच्च न्यायालय ने आधार...
More »नहीं मिली एंबुलेंस, हाथठेले से ले जा रहे थे अस्पताल, रास्ते में मौत
नरसिंहपुर। इलाज कराने हाथठेला में लिटाकर ले जाए जा रहे 65 वर्षीय एक वृद्घ की अस्पताल पहुंचने के पहले रास्ते में ही मौत हो गई। अस्पताल में मौत की पुष्टि हुई तो शव भी उसी हाथठेला में रखकर परिजन घर आ गए, घटना गोटेगांव क्षेत्र की है। प्रशासनिक अव्यवस्था और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति है। इलाज के अभाव में क्षेत्र में पहले भी कई...
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