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वढरा के जमीन सौदे पर संसद में हंगामा

नई दिल्ली । वढरा जमीन सौदे के मुद्दे पर संसद में मंगलवार को हुए हंगामे के कारण दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो सका। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढरा के एक भूमि सौदे में कथित तौर पर शामिल होने और श्रीलंकाई तमिलों की दुर्दशा जैसे मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा में दो बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और हंगामा जारी रहने पर आखिरकार दोनों...

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खाद्य सुरक्षा बिल- कुछ बुनियादी बातें

संसद के मौजूदा(बजट) सत्र में आखिरकार खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा होने जा रही है। यह बिल यूपीए सरकार ने साल 2011 में लोकसभा में पेश किया था। आहार और बाल-स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करने वाले विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और राज्यों द्वारा प्रस्तुत विविध आलोचनाओं के आलोक में इस बिल में कई और बदलाव किए जाने की संभावना है।यहां प्रस्तुत सामग्री में कोशिश की गई है कि भोजन का अधिकार बिल के बारे में जानकारी क्या-क्यों-कैसे-कौन...

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वाड्रा के भूमि सौदे का मुद्दा संसद में उठा, हंगामा

नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के कथित रुप से एक भूमि सौदे में शामिल होने के मुद्दे पर आज संसद में कार्यवाही बाधित हुई. लोकसभा और राज्यसभा दोनों की ही कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. मामले की जांच की मांग को लेकर भाजपा सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. श्रीलंकाई तमिलों...

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इस असंतोष की जड़ें- पुण्य प्रसून वाजपेयी

जनसत्ता 8 नवंबर, 2012: बेचैनी हर किसी में है। आम आदमी की बेचैनी रोज-रोज की परेशानी से जूझते हुए पैदा हुई है। खास लोगों की बेचैनी सत्ता-सुख गंवाने के डर से उपजी है। विरोध में उठे हाथ गुस्से में हैं। गुस्सा जीने का हक मांग रहा है। सत्ता को यह बर्दाश्त नहीं है तो वह गुस्से में उठे हाथों को चिढ़ाने के लिए और ज्यादा गुस्सा दिलाने पर आमादा है। गुस्सा...

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गुजरात के विकास का सच

जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...

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