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महिला हेल्पलाइन 181 के 390 कर्मचारियों को एक साल से नहीं मिली सैलरी, महिला ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान

-गांव कनेक्शन,  महिला हेल्पलाइन 181 में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी आयुषी सिंह ने तीन जुलाई को कानपुर में ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। आयुषी के परिजन और साथ में काम करने वाले कर्मचारियों का आरोप है कि आयुषी (32 वर्ष) मानदेय न मिलने और नौकरी से निकाले जाने की वजह से काफी तनाव में थीं जिसकी वजह से उसने यह कदम उठाया। आयुषी जिस महिला हेल्पलाइन 181 में...

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लॉकडाउन से पैदा आर्थिक संकट से बढ़ रहीं आत्महत्याएं

-कारवां, 22 जून को उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के जगदीशपुर इलाके के रहने वाले 53 साल के रघुवीर सिंह ने आत्महत्या कर ली. सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “हमारे पास में 25000 रुपए की नकदी थी लेकिन लॉकडाउन के वक्त घर में खाली बैठे-बैठे वह खत्म हो गई. इसके बाद हम क्या करते? इस आर्थिक तंगी से परेशान होकर मैं अपनी जिंदगी खत्म कर रहा हूं.” सिंह के...

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महामारी की आड़ में जनता को जनसुनवाई से महरूम करने की कोशिश?

-न्यूजलॉन्ड्री, लॉकडाउन के समय जनता घर में बंद थी और लाखों मजदूर सड़क पर थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूर्व में बनाए गए कई नियम-कानूनों में ऐसे संशोधन प्रस्तावित कर दिए जिन्हें यदि वह सामान्य समय में प्रस्तावित करती तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता. इन प्रस्तावित संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए यानी एनवायरमेंट इंपैक्ट ऐससमेंट)...

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अब चीन, पाकिस्तान और भारत का भी भला इसी में है कि वो उस फैंटसी को छोड़ दें जिसे मोदी विस्तारवाद कहते हैं

-द प्रिंट, शुक्रवार की सुबह अचानक लद्दाख पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सेना को संबोधित किया और चीनियों का सीधे-सीधे नाम न लेते हुए कहा कि विस्तारवाद का जमाना गया, यह विकास का युग है. वैसे, उन्होंने यह कयास लगाने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी कि उनका निशाना किधर था. बेशक उनके निशाने पर चीन ही था लेकिन इस वाक्य को उन ज्ञानोपदेशों में शामिल किया जा सकता है, जो...

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मनरेगा, जरूरी या मजबूरी-1: 85 फीसदी बढ़ गई काम की मांग

-डाउन टू अर्थ, 14 साल पुरानी महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना एक बार फिर चर्चा में है। लगभग हर राज्य में मनरेगा के प्रति ग्रामीणों के साथ-साथ सरकारों का रूझान बढ़ा है। लेकिन क्या यह साबित करता है कि मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है या अभी इसमें काफी खामियां हैं। डाउन टू अर्थ ने इसकी व्यापक पड़ताल की है, जिसे एक सीरीज के तौर पर...

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