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पीडीएस से सभी को सस्ता अनाज संभव नहीं

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सस्ते गल्ले की दुकानों से सबके लिए अनाज उपलब्ध कराने से सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है। विपक्ष की मांग को नकारते हुए कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार ने कहा कि सभी परिवारों को रियायती अनाज देने से खाद्य सब्सिडी बहुत बढ़ जाएगी, जिसका बोझ सरकार उठाने की हालत में नहीं है। सभी के लिए सस्ते गल्ले की दुकान यानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली [पीडीएस] से अनाज देने पर सरकार को 7...

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भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन

भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...

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संसाधन होने के बाद भी राज्य का विकास नहीं

हजारीबाग  भारत में 1954 से मिट्टी सर्वेक्षण के लिए यूनिट कार्य कर रही है. यहां अनेकों वैज्ञानिक मिट्टी से संबंधित सर्वे करते हैं, लेकिन उसका परिणाम किसानों तक नहीं पहुंचता है. उक्त बातें अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ अली मोहम्मद ने स्थानीय उपकार होटल में प्रेसवार्ता में कही. डॉ अली विनोबा भावे विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए आये हुए हैं. डॉ राधाकृष्ण सेमिनार हॉल में 26 अप्रैल को...

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विवाद के बीज- एक विधेयक बहुराष्ट्रीय निगमों के पक्ष में?

सरकार जिस बीज विधेयक को पारित करने के फिराक में है  उसके बारे में सबसे मौजूं सवाल यह है कि क्या इससे किसानों की जीविका का कोई हित सध पाएगा या फिर इस विधेयक के पारित होते ही बीजों के बाजार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए सरपट दौड़ लगाने का रास्ता खुल जाएगा और किसानों के हितों की अनदेखी होगी। नये बिल की मंशा बीजों के बाजार का नियमन करना...

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हमारी खेती अमेरिका से अच्छी- वंदना शिवा

वंदना शिवा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खेती के सवाल पर लगातार लड़नेवाली लड़ाका हैं. वे इंटरनेशनल फोरम आन ग्लोबलाईजेशन की सदस्य हैं. उनसे एक महत्वपूर्ण बातचीत.विस्फोट डाट कॉम से साभार) दूसरी हरित क्रांति की बात हो रही है. आपकी असहमति और सहमति किसरूप में रेखांकित होती है? मैंनेजब 1984 में हरित क्रांति का विरोध शुरू किया था तो इसके पीछे एक मकसद था। कहा जाताथा कि पंजाब में हरित क्रांति से...

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