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तमिलनाडु में ब्लैक लिस्टेड, छत्तीसगढ़ में कर रही दवा की सप्लाई

प्रशांत गुप्ता, रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) का एक और बड़ा कारनामा उजागर हुआ है। कॉर्पोरेशन ने एक ऐसी दवा निर्माता कंपनी को लगभग 7 करोड़ 86 लाख की दवा सप्लाई का ऑर्डर जारी कर दिया है, जिसके लाइसेंस को जम्मू-कश्मीर के ड्रग एंड फूड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने अगस्त 2013 में ही रद्द कर दिया था। तमिलनाडु मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इस कंपनी द्वारा बनाई गई दवा को अमानक...

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बस्तर में गिद्घ दिखाने वाले को मिलेगा दो हजार रुपए इनाम

जगदलपुर (ब्यूरो)। मृत मवेशियों को खाने वाले गिद्घ तीन साल से बस्तर में नजर नहीं आ रहे हैं। तेजी से विलुप्त हो रहे इस दुर्लभ पक्षी को संरक्षित करने के उद्देश्य से बस्तर के पशु चिकित्सा अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि संभाग में कहीं भी गिद्घ नजर आए तो खबर करें। गिद्घ दिखाने वाले को दो हजार रुपए पुरस्कार दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ वाइल्ड लाइफ सोसाइटी के अध्यक्ष व...

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लिग्नोकेन दवा सप्लायर कंपनी काबरा ड्रग्स पर 5 साल का बैन

रायपुर। लोकल एनेस्थीसिया यानी शून्य करने की दवा लिग्नोकेन की निर्माता कंपनी इंदौर की काबरा ड्रग्स लिमिटेड पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) के सह प्रबंध संचालक एवं स्वास्थ्य आयुक्त प्रताप सिंह ने गुरुवार को यह आदेश जारी कर दिए। 'नईदुनिया' ने प्रमुखता के साथ इस खबर को प्रकाशित किया था, जिसके बाद कॉर्पोरेशन द्वारा यह फैसला लिया गया। कार्पोरेशन से गुरुवार...

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विदेशी फसल टाऊ को अपना लिया सरगुजिहा किसानों ने

अंबिकापुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में विदेशी फसल टाऊ को अब न सिर्फ तिब्बती बल्कि स्थानीय किसानों ने अपना लिया है। स्थानीय किसानों ने इस बार लगभगर 10 हजार हेक्टेयर में टाऊ की फसल ली है। पूरा मैनपाट टाऊ की फसल से लहलहा उठा है। प्राकृतिक रूप से सुंदर मैनपाट में टाऊ के फूल सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। सैलानियों के लिए जरूर...

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नसबंदी कांड की कड़ियां- कनक तिवारी

जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: बिलासपुर नसबंदी कांड राज्यतंत्र की क्रूरता का बेहद घिनौना उदाहरण है। केंद्र प्रवर्तित और राज्य पोषित नसबंदी कार्यक्रम को लागू करने में इतनी लोकविधर्मी विसंगतियां हैं। पर इन्हें सरकारी अहंकार समझना ही नहीं चाहता। जनसंख्या-वृद्धि पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय शासन ने बरसों से अंतरराष्ट्रीय स्थितियों, समझौतों और समझाइशों के तहत नीतियां बनाने का प्रयत्न किया है। शासन और भद्रलोक के उपचेतन में इस मुगालते...

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