फ्रांस के समाजशास्त्री अलेक्सी डे टॉक्विले और ब्रिटेन के राजनीतिक दार्शनिक जॉन स्टुअर्ट मिल, दोनों ने 25 साल के अंतराल में लोकतंत्र के दो नए खतरों के प्रति आगाह किया था। पहले का मानना था कि इसमें बहुमत के आतंक के शिकार व्यक्ति के पास बचने का कोई चारा नहीं होता। दूसरे ने इस भय की ओर इंगित किया था कि प्रजातंत्र मात्र एक शासन पद्धति न होकर असंगठित भीड़ की...
More »SEARCH RESULT
आयकर देने में इतना परहेज!-- आकार पटेल
कुछ साल पहले एक बुजुर्ग मुझे गाना सिखाने के लिए हर सुबह मेरे घर आया करते थे. वे भले व्यक्ति थे और यह काम दशकों से करते आ रहे थे. चूंकि हमारी मुलाकात नियमित रूप से हुआ करती थी, हम गाने की शिक्षा से पहले और बाद में उनसे कई सारे विषयों पर बात भी करते थे. उनमें जितनी गहरी लगन अपने संगीत को लेकर थी, उतनी ही गंभीरता से...
More »आदिवासियत का लड़ाकू विचारक-- अनुज लुगुन
मराठी के वरिष्ठ आदिवासी कवि वाहरू सोनवाने ‘स्टेज' कविता में कहते हैं- ‘हम स्टेज पर गये ही नहीं/हमें बुलाया भी नहीं गया/उंगली के इशारे से हमारी जगह हमें दिखाई गयी/वे स्टेज पर खड़े होकर/हमारा दुख हमें ही बताते रहे.' यह कविता आदिवासी समाज को गैर-आदिवासियों द्वारा निर्देशित करने की यंत्रणादायी प्रक्रिया को बताती है. आदिवासियों को निर्देशित करने की औपनिवेशिक मंशा का प्रतिरोध करते हुए कई बार वाहरू जी कह...
More »गर्मी की छुट्टियों में भी सूखाग्रस्त राज्यों में छात्रों को मिलता रहे मिड-डे मील: SC
देश के सूखा पीड़ित राज्यों में स्कूली छात्रों को अब भूखा नहीं रहना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश जारी कर कहा है कि देश में सूखे की मार झेल रहे इलाकों में स्कूली बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी मिड डे मील मुहैया किया जाता रहे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया है कि वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना(मनरेगा) का बकाया पैसा जल्द...
More »दोहरे मानदंडों का नया नमूना - राजीव सचान
गोवध और गोमांस पर पाबंदी के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा है कि राज्य के बाहर से गोमांस लाने, रखने और खाने पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकती। हाईकोर्ट के अनुसार शासन को यह तय करने का अधिकार नहीं कि लोग क्या खाएं-पिएं! हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि गोमांस लाने, रखने और खाने पर रोक...
More »