बिहार के प्राथमिक विद्यालयों की असली तसवीर क्या है? इस सवाल पर अब तक धारणाओं के आधार पर ही सारी बाती कही जाती रही हैं. वहां पढ़ाई नहीं होती, शिक्षक नहीं पहुंचते, बच्चे खेलते रहते हैं. मिड-डे मील ठीक से नहीं मिलता. मगर अब आपको इस बारे में धारणाओं के आधार पर बातें करने की जरूरत नहीं, क्योंकि हम पहली दफा राज्य के प्राथमिक विद्यालयों की असली तसवीर पेश कर...
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अरबों के बकाए के चलते बुझ गई 'अटल ज्योति'
जबलपुर(नईदुनिया टीम)। कुछ महीनों पहले तक रोशनी से जगमग रहने वाले महाकोशल-विंध्य के हजारों गांवों की ज्याेति बुझ गई है। विद्युत बोर्ड के अफसरों ने बिल बकाया होने का हवाला देकर एक तरफ से आपूर्ति बंद करवा दी है। गांवों के ट्रांसफार्मर ही उतरवा लिए। ऐसी सजा से ग्रामीण सिंचाई के लिए परेशान हैं तो बिजली आधारित व्यवसाय बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। बोर्ड की परीक्षाएं सिर पर हैं...
More »गांव में बिजली, टीवी सब है, नहीं है तो बस एक भी शौचालय
अनूपपुर(ब्यूरो)। गांव में बिजली है। लोगों के घरों में टीवी है। प्राइमरी स्कूल भी है और लोगों की सुविधा के लिए 20 हैंडपंप भी। बस नहीं है तो केवल शौचालय। ये हालात-ए-बयां हैं अनूपपुर से 30 किमी की दूरी पर बसे गांव कदमसरा के। लगभग ग्यारह सौ की आबादी वाले इस गांव में किसी भी घर में शौचालय नहीं है। हालात ऐसे हैं कि यहां सरपंच, ग्राम रोजगार सहायक, आंगनबाड़ी...
More »नरेगा मजदूरों की काली दिवाली- ज्यां द्रेज
कुछ दिन पहले जब दीये और पटाखे की रोशनी से देश जगमगा रहा था तो बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सैकड़ों नरेगा मजदूर ‘काली दीवाली' मनाने के लिए इक्कट्ठा हुए। उन्हें महीनों से मजदूरी नहीं मिली थी। मजदूरी मिलने के इंजतार में थक-हार कर नरेगा मजदूरों ने तत्काल भुगतान की मांग के साथ एक धरने का आयोजन किया। धरने पर बैठे मजदूर ज्यादा कुछ नहीं मांग रहे थे- उन्हें बस...
More »लिफ्ट सिंचाई में नई उम्मीद व पुरानी बाधाएं- भारत डोगरा
देश में बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं, जो नदियों के बहते पानी को पंप से लिफ्ट करके सिंचाई करते हैं। जब तक विभिन्न किसान यह प्रयास व्यक्तिगत स्तर पर करते रहे, इसमें कई कठिनाइयां रहीं, पर अनेक किसान सामूहिक प्रयास से अब काफी सफलता प्राप्त कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के कुछ गांवों में अंडरग्राउंड पाइप डालकर इस पानी को पहले की अपेक्षा काफी अधिक खेतों...
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