नई दिल्ली। जनधन योजना की भारी सफलता के बाद केंद्र सरकार नौ मई को तीन और बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है। इनमें एक पेंशन और दो बीमा से संबंधित योजनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में इन योजनाओं का श्रीगणेश करेंगे। इनमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना शामिल हैं। इसके...
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सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
More »65 हजार करोड़ के निवेश से हो गये वंचित
झारखंड में जब तक जमीन की समस्या का कोई रास्ता नहीं निकलता, इस राज्य को विकसित राज्य बनाना मुश्किल होगा. राज्य बनने के बाद अनेक कंपनियों ने झारखंड आना चाहा, लेकिन अधिकांश को जमीन नहीं मिल पायी. एमओयू होते गये लेकिन ये जमीन पर नहीं उतारे गये. 37 स्टील कंपनियों ने तो एमओयू वापस ले लिया या रद्द कर दिया. अगर ये कंपनियां यहां लग गयी होती तो न सिर्फ...
More »कानून और न्याय का तकाजा - हृदयनारायण दीक्षित
न्याय सर्वोच्च अभिलाषा है। संविधान, कानून और न्यायपालिका न्याय प्राप्ति के ही उपकरण हैं। सर्वोच्च न्यायालय संविधान और विधि का संरक्षक है। संसद ने संविधान प्रदत्त शक्तियों का सदुपयोग करते हुए जजों की नियुक्तियों के मामले में 99वां संविधान संशोधन पारित किया। संविधान (अनुच्छेद 368) की अपेक्षानुसार इसे आधे से ज्यादा राज्य विधानमंडलों ने भी अनुसमर्थन दिया। तदनुसार राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम भी पारित हुआ। संप्रति यह प्रावधान भारत...
More »बात निकली है तो दूर तलक जाएगी - भवदीप कांग
गजेंद्र सिंह की मौत का राजनीतिकरण इस पूरे प्रकरण का सबसे दु:खद पहलू था। हो सकता है उसकी आत्महत्या 'जेनुइन" हो। यह भी हो सकता है, जैसा दिल्ली पुलिस का मानना है कि उसकी आत्महत्या महज एक दुर्घटना हो, एक नाटकीय प्रसंग। लेकिन गजेंद्र की मौत इन मायनों में अपने लक्ष्य को अर्जित करने में जरूर कामयाब रही कि उसने किसानों की दुर्गति की ओर पूरे देश का ध्यान आकृष्ट...
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