बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश के जिन इलाकों में मधुमक्खी की बहुतायत है, और जहां ये परागण करती हैं, वहां के किसान संपन्नता में अन्य क्षेत्रों के कृषकों से बहुत आगे हैं। क्षेत्र विशेष के लिए मधुमक्खी खुशहाली और संपन्नता का पर्याय बन गई है। मधुमक्खी की परागण और शुद्धता पर जारी शोध के प्रारंभिक नतीजे बताते हैं कि जिस क्षेत्र विशेष में मधुमक्खियों का बसेरा है, वहां फसल का उत्पादन अन्य...
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...कुछ ज्यादा ही पीछे छोड़ दिया जंगल को हमने-- मुकेश केजरीवाल
मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। जंगलों को काट कर शुरू किए "तरक्की" के सफर में हम इतना आगे बढ़ गए हैं कि अब इनकी कामचलाऊ मौजूदगी कायम करने में भी सांसें फूल रही हैं। अपने ही लक्ष्य के मुताबिक हमें अब तक देशभर में कम से कम 33 फीसद क्षेत्र को हरियाली से भर देना था, लेकिन हम सिर्फ 24 फीसद वन क्षेत्र के साथ इस मुकाम से बेहद दूर खड़े...
More »मप्र के शहडोल संभाग में पहली बार होगी अनार की खेती
शहडोल(मध्यप्रदेश)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का जॉब कार्ड लेकर मेहनत मजदूरी करने वाली महिलाएं पर्यावरण के लिए अब अनार की खेती करेंगी। यह खेती इसी साल से शहडोल सहित प्रदेश के सागर, ग्वालियर और चंबल संभाग में शुरू हो रही है। इसके लिए उद्यानिकी विभाग और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद ये अधिकारी-कर्मचारी मैदान में उतरेंगे और जॉब कार्डधारी...
More »कहां है सुधारों की अगली खेप-- रामचंद्र गुहा
सन 2009 के आम चुनाव के ठीक बाद मैंने बेंगलुरु में एक भाषण सुना, जो नई सरकार के लिए नीतियों के नए रोडमैप पर था। वक्ता थे राकेश मोहन, जो उद्योग व वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे और उस वक्त रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे। राकेश मोहन का कहना था कि आर्थिक सुधारों की पहली लहर ने व्यापार को सरकारी नियंत्रण से बाहर निकाला और...
More »शहरों में बढ़ेगा बढ़ती आबादी का बोझ- ज्ञानेन्द्र रावत
दुनिया की आबादी सात अरब को पार कर चुकी है। इसमें हर साल आठ से नौ करोड़ की वृद्धि चिंतनीय है। संयुक्त राष्ट्र की मानें, तो भविष्य में भारत को मिलाकर कुछ बड़े अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देश वैश्विक आबादी तेजी से बढ़ाएंगे। भारत सबसे बड़ी आबादी वाला दुनिया का दूसरा देश है। आने वाले 10-12 वर्षों में भारत चीन से आगे निकल जाएगा। आशंका है, 2060 में भारत की...
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