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कानूनी 'आधार' मिलने के मायने - सीता

आधार बिल का पास होना कितना महत्वपूर्ण है? वास्तव में यह बेहद महत्वपूर्ण है! पिछले हफ्ते दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तत्वावधान में हुई एडवांसिंग एशिया कांफ्रेंस में मौजूद बहुतेरे अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने सरकार के इस कदम की तारीफ की। इस कानून का सीधा सरोकार सबसिडी के डायरेक्ट कैश ट्रांसफर से है और सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सबसिडी की...

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एक और चिपको आंदोलन की जरूरत-- अनूप नौटियाल

पर्यावरण और हरियाली बचाने को लेकर जब भी बात की जाती है, तो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में 1970 के दशक के 'चिपको आंदोलन' का जिक्र होना स्वाभाविक है। पहाड़ के जंगलों को बचाने के लिए अलख जगाने वाली गौरा देवी और उनके सहयोगी इस आंदोलन के जनक और प्रेरणाश्रोत के रूप में देश-दुनिया में पहचाने जाते हैं। उत्तराखंड के दूर-दराज के जिले चमोली की ग्रामीण महिलाओं के अथक प्रयासों...

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मिलावटी दूध की बहती गंगा - भवदीप कांग

शुरुआत इसी विरोधाभासी तथ्य से करें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है! पिछले पंद्रह वर्षों में भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है। अब यह 322 ग्राम प्रतिदिन है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब भारत में दूध की मांग व आपूर्ति का तंत्र अच्छी तरह विकसित हो चुका है तो हम मिलावटी दूध पीने को मजबूर क्यों हैं?...

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AADHAR: जानकारी लीक होने पर जानिए क्या है सजा ?

केंद्र सरकार ने भले ही बड़ी चतुराई से महत्वपूर्ण आधार विधेयक को संसद से पास करा लिया। सरकार भरोसा भी दे रही है कि आम आदमी की निजता का पूरा ख्याल रखा जाएगा। पर इस बिल में इस बात का जिक्र नहीं है कि इतने महत्वपूर्ण दस्तावेज जिसमें सभी व्यक्तिगत जानकारी होती है, अगर लीक हो गई या किसी मकसद से सरकार ने ही इन जानकारियों का इस्तेमाल किया तो...

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10.69 करोड़ परिवार को 10 डिसमिल मयस्सर नहीं, कैसे मिलेगा 2022 तक सबको मकान

नई दिल्ली: जल जंगल और जमीन, ये हो जनता के अधीन। आधी दुनिया नारी है, जमीन में दावेदारी है......नारी उतरे खेत में, गूंज सारे देश में। जी हां जंतर-मंतर से उठती आवाजें। लगभग 10000 लोगों की भीड़। जिसमें महिलाओं की बहुत बड़ी संख्या। माईक का शोर,नारे की गूंज..ढ़ोल का थाप,तालियों की गड़गड़ाहट, चेहरे पर चिंता की लकीरें,संसद की ओर निहारतीं पथरीलि आंखे... लेकिन गांधी के रास्ते पर भरोसा..सत्याग्रह में आस्था...

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