मित्रो, महिलाओं के प्रति हिंसा की घटनाओं पर देश-दुनिया में जितनी चिंता की जा रही है, घटनाओं की संख्या उतनी ही बढ़ रही है. इसकी बड़ी वजह है सामाजिक हस्तक्षेप की कमी. दिल्ली गैंग रेप जैसी बड़ी घटना जब होती है, तब देश भर में लोग सड़कों पर उतर आते हैं. मीडिया से न्यायपालिका तक की सक्रियता बढ़ जाती है. जनसंगठन और राजनीतिक दल भी जनाक्रोश के साथ होते हैं. यह उचित...
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स्त्री सशक्तीकरण और महिला बैंक
जनसत्ता 21 नवंबर, 2013 : किसी गंभीर समस्या और उसके समाधान को प्रतीक तक सीमित कर देने की ताजा मिसाल भारतीय महिला बैंक है। यूपीए सरकार ने उषा अनंतसुब्रमण्यम को भारतीय महिला बैंक की प्रबंध निदेशक नियुक्त किया और शुरुआती पूंजी के तौर पर बैंक के लिए एक हजार करोड़ रुपए की रकम मंजूर की है। दो रोज पहले इस बैंक ने काम करना शुरू कर दिया, जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह...
More »महिला नहीं कर सकती सास-ससुर की संपत्ति पर दावा : अदालत
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि किसी भी महिला का अपने पति की संपत्ति पर अधिकार होता है, लेकिन वह अपने सास-ससुर की संपत्ति पर अधिकार का दावा नहीं कर सकती। अदालत ने यह टिप्पणी एक महिला की अपील को खारिज करते हुए की जो यहां के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर है। उसने अपने सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार मांगा था जिसमें उसके पति...
More »आलू की कमी: ममता ने कृषि विपणन विभाग का प्रभार संभाला
कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहर के खुदरा बाजारों में आलू की कमी से उत्पन्न स्थिति से निबटने के तौर तरीके को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की तेज हो रही आलोचना के मद्देनजर आज अस्थायी रूप से राज्य कृषि विपणन विभाग प्रभार संभाल लिया। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा, मुख्य सचिव संजय मित्रा तथा वरिष्ठ सरकारी एवं पुलिस अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद ममता ने संवाददाताओं से...
More »अभिशाप बना खनन-उद्योग- पी जोसेफ
राज्य के बंटवारे के बाद कहा जा रहा था कि बिहार राज्य में राजस्व का कोई स्रोत नहीं बचा. सभी खनन क्षेत्र झारखंड में जाने के कारण बिहार आर्थिक बदहाली में पहुंच जायेगा, पर ऐसा नहीं हुआ. बिहार में मात्र बालू एवं पत्थर से खनन क्षेत्र में लगभग झारखंड राज्य के जितना ही राजस्व आ रहे हैं. दूसरी तरफ, झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाले इस उद्योग को उचित...
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