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भ्रष्टाचार रोग से बेबस दुनिया-- पुष्परंजन

भ्रष्टाचार के खिलाफ़ इस समय भारत में हल्ला बोल कार्यक्रम चल रहा है. भ्रष्टाचार के इस रोग से मुक्ति के लिए दुनिया के ज्यादातर देशों की जनता छटपटा रही है. तमाम देशों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए संस्थाएं भी हैं. लेकिन क्या करप्शन फ्री समाज का बनना संभव है? दुनिया में भ्रष्टाचार उजागर करने में ’ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल‘ सबसे आगे रहा है. जिस देश में इस संस्था का मुख्यालय है, वह दुनिया के...

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गांधी जिंदा होते तो भ्रष्टाचार से धन कमाते या राजनीति छोड़ देते: कुमारस्वामी

नई दिल्ली. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी का कहना है कि मौजूदा हालात में यदि महात्मा गांधी होते तो वह भी भ्रष्टाचार के भंवरजाल से निकलने का रास्ता नहीं ढूंढ पाते। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को चलाने के लिए काफी धन की जरूरत होती है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने का यही मुख्य वजह है। बेंगलुरु से करीब 370 किलोमीटर दूर हुबली में जनता दल ( सेक्युलर ) के नेता कुमारस्वामी...

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लोकपाल विधेयक- - आर-पार की लड़ाई

बीते महीने शिलांग में हुए सूचना के अधिकार के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि आरटीआई का कानून शासन में पारदर्शिता,जवाबदेही और जनता की भागीदारी की एक नई राह खोल रहा है। और अब ,नागरिक संगठनों द्वारा सरकारी लोकपाल बिल के विकल्प के रुप में जो मसौदा तैयार किया गया है उससे इस बात पर मुहर लग गई है। भ्रष्टाचार निरोधी जन लोकपाल बिल के नाम से...

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महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत

नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...

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साजिश के तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सौंपी जा रही है खेती: गिल

चंडीगढ़. भारत की फूड सिक्योरिटी को बचाने के लिए कर्जाई होकर आत्महत्या करने वाले छोटे किसानों की आमदनी बढ़ाने पर जोर देते हुए कृषि माहिरों ने कहा है, यदि इन किसानों ने एकजुट होकर मरने के बजाय मारने के लिए आंदोलन छेड़ दिया तो इसके नतीजे भयानक हो सकते हैं। किसान स्वराज पॉलिसी पर शुरू हुई बहस में भाग लेने आए अधिकतर कृषि, आर्थिक विशेषज्ञों और राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का यही...

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