फाइलेरिया अभियान के बिहार दौरे पर वैशाली जिले में मेरी मुलाकात एक ऐसे परिवार से हुई, जिन्हें अभियान के दौरान दवाइयां दी गयी थी, परंतु उन लोगों ने दवाएं खायी नहीं थी. हमारी चर्चा के बीच यह मालूम पड़ा कि उसी घर की कॉलेज जानेवाली एक छात्रा खुद फाइलेरिया से पीड़ित थी और वह परिवार अपनी बच्ची के इलाज पर लगभग 1200 रुपये हर सप्ताह खर्च कर वैकल्पिक दवाएं ले...
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सूने होते गांव-- चंदन चौधरी
एक जमाना था जब कहा जाता था ‘उत्तम खेती, मध्यम बान, अधम चाकरी भीख निदान।' इस कहावत के अर्थ से मेरा गांव भी अछूता नहीं था। जम कर खेती की जाती थी और तब महात्मा गांधी के सपनों के सुराज का प्रभाव यहां दिखता था। यों मेरा गांव बहुत छोटा है, लेकिन अंदर से इतना बड़ा कि यहां सभी लोग आपस में वर्षों से मिलजुल कर और सौहार्द से रहते...
More »बच्चों की पढ़ाई और परीक्षा की चिंता ने माता-पिता को बनाया मानसिक बीमार
इंदौर। बच्चों की पढ़ाई को लेकर अभिभावकों के तनाव में आने के ये कुछ उदाहरण हैं, जबकि ऐसे सैकड़ों माता-पिता हैं, जिनकी नींद बच्चों के परीक्षा और पढ़ाई ने उड़ा दी है। इनमें से कई में गंभीर बीमारी के संकेत हैं। मनोचिकित्सकों के मुताबिक पिछले दो-तीन वर्षों में दिसंबर से मई-जून तक कुल मरीजों में 60 फीसदी अभिभावक शामिल होते हैं। मनोचिकित्सकों के पास नींद नहीं आने और हमेशा घबराहट होने...
More »कृषि संकट के बीच उम्मीद की नई कोपलें - देविंदर शर्मा
नए वर्ष की तरफ बढ़ते हुए कुछ ऐसे कदमों से शुरुआत करते हैं, जो कृषि के क्षेत्र में छोटी ही सही, लेकिन उम्मीद बंध्ााते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह किसानों को मुफ्त में कृषि आदान जैसे बीज और फर्टिलाइजर वगैरह देगी ताकि लागत कम हो सके। मध्य प्रदेश में भावांतर योजना आरंभ हुई ताकि किसानों को समर्थन मूल्य व उनके विक्रय मूल्य के अंतर...
More »आपकी सियासत के ढोल मंजीरे-झाल बजते रहे और मैं तड़प-तड़प कर मर गयी..
पटना : जी हां, मेरे मरने से आपकी पार्टी, आपकी सियासत और राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा. मैं एक आम औरत थी. मेरी सांसें रुक गयी. क्योंकि उन सांसों को आपने थामने नहीं दिया. आपकी पार्टी ने बिहार बंद बुलाया, मेरी सांसें, आपके रोड जाम की वजह से रुक गयी. मैं जीना चाहती थी, अपनों के लिए, अपने परिवार और बच्चों के लिए. आपके कथित बंद की वजह से...
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