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वेदांत की याचिका हाईकोर्ट में खारिज

कोरापुट लांजीगड़ स्थित वेदांत आलूमिना परियोजना संप्रसारण को लेकर हाईकोर्ट में वेदांत की तरफ से दायर याचिका आज खारिज हो गयी है। वेदांत की तरफ से 1 से 6 मिलियन टन उत्पादन बढ़ाने के लिए यानी संप्रसारण किए जाने को लेकर हाईकोर्ट की इजाजत मांगी गयी थी, मगर वहां पर पर्यावरण मंजूरी सही न होने की बात विपक्ष केन्द्र सरकार की तरफ से अदालत को दर्शाया गया। इसके चलते इस मामले की सुनवाई...

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3 जिलों के आदिवासी बीपीएल घोषित

सरेंगा (बांकुड़ा), एजेंसी : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माओवादियों से हथियार डालने की अपील करने के बाद बुधवार को जंगल महल के सबसे तीन जिलों के आदिवासियों को बीपीएल सूची में शामिल करने की घोषणा की। ममता ने कहा कि जंगल महल के तीन जिलों पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा और पुरुलिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीब है। यदि सभी को भोजन मिलेगा, तो समस्या का समाधान...

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क्या हो विकास की सही परिभाषा- भारत डोगरा

सामान्य रूप से बाहरी चमक-दमक को देखकर कह दिया जाता है कि यह क्षेत्र विकास कर रहा है। मान लीजिए किसी महानगर में बहुत सी झुग्गी-झोपडि़यों बनी हैं और महानगर में कार्य करने वाले गरीब मजदूरों को इन सस्ते आवासों में आश्रय मिला हुआ है, क्योंकि इससे महंगी जगह में रहने के लिए पैसा उनके पास नहीं है। एक दिन उनकी झोपडि़यां तोड़ दी जाती हैं। इस स्थान पर एक...

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बीड़ी पत्ते में धुआं-धुआं ज़िंदगी -- सारदा लहांगीर

“छो...छोको भूंजी लोक पतर तुड़ले लागसी भोक....” ( हम लोग गरीब भुंजिया आदिवासी, पत्ता तोड़ते हुए भूख लगती है ) नुआपाडा जिले के सीनापाली गांव में रहने वाली 55 वर्षीय पहनी मांझी को जंगल में तेदूपत्ता तोड़ते हुए जब भूख लगती है तो वो अपना ध्यान बंटाने के लिए यहीं उड़ीया लोकगीत गुनगुनाती हैं. तेंदूपत्ता अप्रैल और मई महीने की चिलचिलाती धूप में जब हम अपने वातानुकुलित कमरे में बैठे आराम फरमा...

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छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी

जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....

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