जो देश अपने हाल-फिलहाल का इतिहास याद नहीं रखते, वे एक ही तरह की दुर्घटना दोहराने का खतरा उठाते हैं। देश की दो तिहाई आबादी 35 साल से नीचे की है। यदि इनमें से किसी से आपातकाल लगाए जाने के दिन यानी 26 जून, 1975 का महत्व पूछिए तो उनके चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभरते हैं। कई बार 55 साल के लोगों से भी ऐसा जवाब नहीं मिलता, जिससे...
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देश की चालीस फीसदी आबादी मूल अधिकारों से वंचित
अगरतला। देश के 40 प्रतिशत से अधिक लोग मूल अधिकार और अवसर से वंचित हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस तीरथ नाथ ठाकुर ने कहा कि देश की सवा अरब आबादी का 40 प्रतिशत कुछ मूल अधिकारों और अवसरों से वंचित है। जस्टिस ठाकुर नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (नालसा) के कार्यकारी चेयरमैन हैं। उन्होंने शनिवार रात एक सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जनसंख्या के 40 फीसदी लोग गरीबी की...
More »सड़क दुर्घटनाओं में बिहार देश के दस शीर्ष राज्यों में
सड़क दुर्घटना के तुरंत बाद अगर ट्रॉमा सेंटर में घायलों को पहुंचाया जाए तो जख्मी की जिंदगी को बचाया जा सकता है। पर बिहार में एक भी ट्रॉमा सेंटर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब पारा मेडिकल कर्मियों को प्री हॉस्पिटल ट्रॉमा टेक्नीशियन की ट्रेनिंग दी जाएगी। चाहे वे किसी भी अस्पताल में तैनात हों, इस ट्रेनिंग के बाद वह सड़क दुर्घटना में घायल को तत्काल उपचार उपलब्ध...
More »झारखंड में आदिम जनजाति परिवारों को पेंशन देगी सरकार
राज्य की आदिम जनजाति के प्रत्येक परिवार को सरकार हर महीने छह सौ रुपए मासिक पेंशन देगी। सरकार के इस फैसले से राज्य के 65 हजार आदिम जनजाति परिवारों को लाभ मिलेगा। बुधवार को रघुवर सरकार की कैबिनेट ने यह फैसला लिया। पेंशन योजना पर सरकार सालाना 46 करोड़ 80 लाख रुपए खर्च करेगी। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। इसके...
More »पश्चिम बंगाल: समाचार पत्रों की आजादी में हस्तक्षेप नहीं: हाइकोर्ट
कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर ने समाचार पत्रों की स्वतंत्रता के मामले में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. एमपीएस कंपनी के मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी को बुधवार को समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया. इस पर आपत्ति जताते हुए कुछ सरकारी अधिवक्ताओं और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रणब दत्त ने मुख्य न्यायाधीश से कुछ समाचार पत्रों...
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